UP CM Yogi Adityanath: रामचरितमानस को लेकर चल रहे विवाद पर शनिवार को यूपी विधानसभा सत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी को घेरा और ‘ताड़ना’ का मतलब भी समझाया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सदन में बोलते हुए कहा कि जिस प्रकार कुछ लोगों ने रामचरित मानस को फाड़ने और प्रतियां जलाकर हिंदुओं को अपमानित करने का प्रयास किया है। अगर ये किसी और धर्म के साथ हुआ होता तो क्या स्थिति होती?।
सीएम योगी ने पूछा कि आप क्या पूरे समाज को अपमानित करना चाहते हैं? इस दौरान सीएम ने उस विवादित चौपाई का भी अर्थ समझाया जिसको लेकर विवाद शुरू हुआ था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सदन में बोलते हुए कहा कि रामचरितमानस की चौपाइयो को लेकर लोग अपने हिसाब से इसका मतलब निकाल लेते हैं। कहा कि चौपाइयों की सही व्याख्या होनी चाहिए। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना अवधी में की है।
अवधि में ताड़न का क्या अर्थ होता है ? उन्होंने कहा कि ताड़न का अर्थ देखने से है। ‘भइया मोरे लड़कन को ताड़े रखियो’ यानी उसकी देखभाल करते रहो। उसका लालन-पालन करके उसको शिक्षित करो। उन्होंने कहा शूद्र का मतलब क्या है। शूद्र का मतलब श्रमिक वर्ग से है। बाबा साहेब भी इस बात को कह चुके हैं कि दलित को शूद्र नहीं कहेगा, लेकिन आपने उसका भी ख्याल नहीं रखा। उनके नाम से बने संस्थानों के नाम बदल दिए गए। आपने तो घोषणा भी की थी कि हम आएंगे तो बाबा साहब के सभी स्मारकों को हटा देंगे।
उन्होंने रामचरितमानस की एक चौपाई के साथ तंज भी कसा और कहा- “जाको प्रभु दारुण दिख दीन्हा, ताकि मति पहले हर लेना।” इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि रामचरिमानस को लेकर जिस तरह माहौल बनाया जा रहा है उससे क्या दुनिया भर में करोड़ों हिंदुओं की बदनामी नहीं हो रही है। क्या ये होना उचित है लेकिन कुछ लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। शक्ति देना आसान है, बुद्धि देना बहुत कठिन, इसे सरल भाषा में कहें- विरासत में सत्ता तो मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं।