धोखाधड़ी के एक आरोपी ने अपने बेटे के साथ मिलकर पुलिस को फंसाने की साजिश रची, लेकिन वह अपने ही जाल में खुद फंस गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और पुलिस की छवि को धूमिल करने के आरोप में लीगल राय भी मांग ली है। यही नहीं आरोपी ने हाईकोर्ट को भी गुमराह किया। नयागांव निवासी उसमान खान ने बुधवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एसएसपी मोहाली, थाना नया गांव के प्रभारी अशोक कुमार व एएसआई जसबीर सिंह के खिलाफ याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि इन अफसरों ने उसके पिता असलम खान को अवैध रूप से हिरासत में रखा है।
साथ ही मोटी रकम न दैने पर झूठा मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी जा रही है। हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मनोज कुमार को वारंट अफसर नियुक्त करते हुए आदेश जारी किए कि यदि थाने में कोई भी व्यक्ति अवैध हिरासत में मिला तो उक्त अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
थाने में लगे सीसीटीवी ने खोल दी पोल वारंट अफसर मनोज कुमार उसमान को साथ लेकर देर शाम करीब 6 बजे थाना नया गांव पहुंचे। वारंट अफसर ने मुंशी लाभ सिंह को आदेश की कॉपी देते हुए बताया कि वह चेकिंग करने आए हैं। जैसे ही वारंट अफसर थाने में दाखिल हुए तो उनके पीछे ही एक तीसरा शख्स भी अंदर दाखिल हो गया।
उसने अपना चेहरा रुमाल से ढक रखा था। काली जैकेट व जीन पहने हुए था। वह शख्स मुंशी के कमरे में जाकर चुपचाप बैठ गया। वारंट अफसर ने जब उस शख्स के बारे में पूछा तो एसएचओ अशोक कुमार ने कहा कि वह इसे नहीं जानते। इतने में वह शख्स मुंशी के दफ्तर में जा बैठा।
शक होेने पर थाना प्रभारी ने उसे दबोचा तो पता चला वह असलम है। जिसकी अवैध हिरासत की शिकायत उसके बेटे ने हाईकोर्ट से की थी। वारंट अफसर की मौजूदगी में असलम को गिरफ्तार कर लिया गया। यह पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद हो गया।
असलम पर है 5.90 लाख रुपये हड़पने का आरोप थाना प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि असलम खान के खिलाफ 21 नवंबर को ठगी, धोखाधड़ी व साजिश रचने जैसी धाराओं में केस दर्ज किया था। असलम पर उसी के परिचित जावेद अहमद ने प्लाट दिलाने के बहाने 5.90 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने कई बार असलम खान के घर नया गांव में रेड की लेकिन वह हर बार चकमा देकर निकल जाता था। असलम ने पुलिस के खिलाफ साजिश रचते हुए अपने बेटे से हाईकोर्ट को गुमराह कर झूठी रेड थाने में डलवाई। लेकिन सीसीटीवी की बदौलत वह खुद ही फंस गया।
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर वारंट अफसर ने थाने में यह रिपोर्ट डाली कि पुलिस की हिरासत में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला। असलम की पहचान होने के बाद वारंट ऑफिसर की मौजूदगी में ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया।