अनादि न्यूज़

सबसे आगे सबसे तेज

व्यापार

मुकेश अंबानी के गले की हड्डी बनी IUC, क्योंकि भारत में अभी भी हैं 58% 2G यूजर!

 देश की शीर्ष टेलीकॉम कंपनी शुमार हो चुकी जियो इन्फोकॉम को आईयूसी की वैधता के चलते हर वर्ष 4500 करोड़ रुपए देश की शीर्ष दो कंपनियों को चुकाने पड़ रहे हैं, क्योंकि रिपोर्ट कहती है कि ट्राई द्वारा आईयूसी की वैधता को शून्य करने की तारीख को 2022 तक टाल दिया गया है, जिससे टूजी नेटवर्क की शीर्ष टेलीकॉम कंपनी मसलन एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया बिना हर्रे-फिटकरी लगाए जियो के जरिए टेलीकॉम उपभोक्ताओं को चूना लगा रही है।

दरअसल, ट्राई द्वारा आईयूसी की वैधता को शून्य नहीं किए जाने से जियो कंपनी को दूसरे नेटवर्क पर जियो उपभोक्ताओं के फोन कॉल्स की कनेक्ट के लिए प्रत्येक कॉल के लिए 6 पैसे एयरटेल और वोडाफोन को चुकाने पड़ रहे हैं। यही वजह है कि पिछले 20 वर्षों में पहली बार जियो को कभी भारत की शीर्ष रहीं टेलीकॉम कंपनी एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया से मात खानी पड़ी है। हालांकि जियो ने अपने ग्राहकों को नुकसान से बचाने के लिए कई आकर्षक पैकेज लांच किए हैं, जिससे जियो उपभोक्ता उसके साथ बने हुए हैं।

हालांकि टेलीफोन रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) द्वारा आईयूसी की वैधता को जनवरी 2020 तक खत्म करना था, लेकिन आईयूसी वैधता को शून्य करने के मुद्दे पर एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसी शीर्ष कंपनियों की हीलाहवाली से ऐसा नहीं हो सका जबकि वर्ष 2011 में ट्राई के चेयरमैन रहे जेएस सरमा ने अक्टूबर, 2011 को तत्कालीन शीर्ष तीन टेलीकॉम कंपनियों को 1 अप्रैल, 2014 से आईयूसी की वैधता शून्य करने के लिए सूचित किया था, लेकिन उन्होंने कोई पहल नहीं की। रिलायंस जियो अक्टूबर 2016 से भारत में लांच हुआ था।

क्योंकि तत्कालीन तीनों शीर्ष कंपनियों ने आईयूसी के नाम पर टूजी नेटवर्क करने वाले खासकर ग्रामीण इलाकों में के उपभोक्ताओं को जमकर चूना लगा रही थी, क्योंकि आर्थिक रूप से मजबूत और शहरी उपभोक्ता स्मार्टफोन के जरिए विभिन्न मोबाइल एप्लीकेशन से अपनी सुविधानुसार पैसे बचाने में कामयाब हो जाते हैं। इनमें डेटा टैरिफ की कीमत पर व्हाट्सएप मैसेंजर के जरिए वॉयस कॉलिंग प्रमुख हैं।

अब चूंकि 4जी नेटवर्क पूरे देश में तेजी से पांव पसार चुका है इसलिए ज्यादातर यूजर्स 4जी नेटवर्क पर स्विच कर चुके हैं, लेकिन अभी भी भारत में 58 फीसदी उपभोक्ता 2जी नेटवर्क पर है, जो एयरटेल और वोडाफोन-वोडाफोन कंपनियों की मुख्य जरिया बनी हुई हैं, जिनसे हिडेन चार्ज के रूप में दोनों कंपनियों मोटी कमाई कर रही है।

See also  Good News: दिवाली से पहले इन 17 बैंकों के खाताधारकों को मिलेंगे 5-5 लाख रुपए, जानिए क्या है वजह?

जियो इन्फोकॉम को सबसे अधिक आईयूसी चार्ज उन ग्राहकों के लिए चुकाना पड़ रहा है, जो वर्तमान में भी सामान्य मोबाइल फोन्स पर 2जी नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। यही कारण है कि जियो ने 4जी नेटवर्क वाले फीचर फोन इस दिवाली महज 699 रुपए में बेचने शुरू कर दिए ताकि लोग 2जी छोड़कर 4जी नेटवर्क पर स्विच हो जाएं तो उसको आईयूसी का बोझ कम हो जाएगा।

गौरतलब है एयरटेल और वोडफोन कंपनियों ने बहुत ही चालाकी से ट्राई को गुमराह करके आईयूसी की वैधता को वर्ष 2022 तक खिंचवा दिया है, क्योंकि टेलीकॉम विश्लेषकों के मुताबिक वर्ष 2021-22 तक 2जी नेटवर्क से उपभोक्ता पूरी तरह से 4जी नेटवर्क पर स्विच कर जाएगा।

शायद यही कारण है कि एयरटेल और वोडाफोन कंपनियों ने आईयूसी की वैधता को 2022 तक खींचकर ले गई, क्योंकि तब तक दोनों कंपनियों 2जी नेटवर्क पर मौजूद 58 फीसदी उपभोक्ताओं का खून चूस सकेगी, लेकिन जियो ने आईयूसी का तोड़ निकालकर जियो उपभोक्ताओं को अभी तक अपने साथ जोड़ने में कामयाब रही है।

जियो ने 6 पैसे की दर से अन्य नेटवर्क पर कनेक्टीविटी के लिए चार्ज कर रही है, जो वह ग्राहकों से वसूल कर एयरटेल और वोडाफोन को देती है, लेकिन जियो ग्राहकों को बदले में एक्स्ट्रा डेटा और वॉयस कॉल की सुविधा दे रही है। इनमें उसके हाल ही में लांच किए गए प्लान 222, 333 और 444 प्लान प्रमुख है, जिसमें यूजर्स को तीन महीने की वैधता के साथ 1000 मिनट दूसरे नेटवर्क पर कॉल के लिए दिया जा रहा है और हर दिन 2 जीबी डेटा भी दिया जा रहा है इसके अलावा जियो टू जियो अनलिमिटेड सेवा समेत अन्य सुविधाओं पहले जैसी ही जा रही हैं।

उल्लेखनीय है जियो के टेलीकॉम इंडस्ट्री में उतरने से पहले तीन शीर्ष कंपनियां ही टेलीकॉम इंडस्ट्री में राज करती थी और मनमाने दर पर ग्राहकों को टेलीकॉम सुविधाएं मुहैया कराती थी, लेकिन रिलायंस जियो के मार्केट में आने के बाद शीर्ष टेलीकॉम कंपनियों की मनमानी बंद हो गई, क्योंकि सस्ते दर पर डेटा और फ्री अनलिमिटेड वॉयस कॉल की सुविधा प्रदान कर रही जियो से ग्राहक तेजी से जुड़ गए और एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया कंपनियों का भट्टा बैठ गया। देखते ही देखते जियो ने पूरे टेलीकॉम मार्केट पर कब्जा कर लिया। मजबूरन सर्वाइव करने के लिए सभी शीर्षस्थ कंपनियों को रिलायंस जियो द्वारा दरों पर ग्राहकों को टेलीकॉम सुविधाएं मुहैया करानी पड़ी।

See also  वीवो एस1 स्मार्टफोन की कीमत में 1,000 रूपये की कटौती हुई, जानें नई कीमत

यह वह दौर था जब ग्राहकों से देश की तीनों शीर्षस्थ कंपनियां 1 जीबी 3जी डेटा के लिए 255 रुपए वसूलती थीं और वॉयस कॉल के लिए प्रति मिनट के लिए 1.5 रुपए से अधिक वसूल रही थीं। रिलायंस जियो अक्टूबर, 2016 में भारतीय टेलीकॉम क्षेत्र में दाखिल हुई और दाखिल होते ही पूरे मार्केट पर कब्जा जमा लिया।

रिलायंस जियो ने ग्राहकों को तीन महीने तक मुफ्त डेटा और अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग की सुविधा दी, जिसमें हर दिन एक से डेढ़ जीबी 4जी डेटा दी जा रहीं थी। ग्राहकोंन्मुखी रिलायंस जियो के प्लान से हर वर्ग से जुड़ा टेलीकॉम कंज्यूमर रिलायंस जियो की ओर शिफ्ट हो गया, क्योंकि ग्राहकों को अब 8 मिनट वॉयस कॉल के लिए महज 1 पैसा चुकाना पड़ रहा था।

रिलायंस जियो की लांचिग का असर यह हुआ था कि दोनों हाथों से ग्राहकों को लूट रहीं शीर्षस्थ तीनों कंपनियों का दिवाला निकल गया। शहरी ग्राहकों के साथ ग्रामीण टेलीकॉम ग्राहक जियो की ओर रुख कर चुके थे। सस्ते डेटा और अनलिमिटेड कॉल की सुविधा से पूरा देश में सूचना की क्रांति का संजाल फैलता चला गया। रिलायंस जियों के मार्केट में आने से वर्तमान समय में डेटा टैरिफ 5 रुपए प्रति जीबी तक पहुंच चुका है। यही कारण था कि लगातार घाटे के दवाबों के बीच आइडिया कंपनी को वोडाफोन कंपनी में खुद को मर्जर करना पड़ा।

रिलायंस जियो का ही करिश्मा थी महज एक वर्ष में रिलायंस जियो ने लांचिंग के महज 83 दिन में ही पांच करोड़ ग्राहकों के आंकड़ों को पार कर ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना लिया। रिलायंस जियो के करिश्मा यही नहीं रूका। कंपनी ने गत 21 फरवरी 2017 को ही 10 करोड़ यूज़र्स का आंकड़ा पार कर लिया था।

लॉन्चिंग के बाद से हर मिनट औसतन 1000 ग्राहक अपने नेटवर्क से जोड़ती आ रही जियो रिलांयस ने अपने नेटवर्क से हर दिन करीब छह लाख नए ग्राहक जोड़े थे। यही वजह थी की कारोबार शुरू करने के केवल तीन साल के भीतर आज रिलायंस जियो देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी बन गई है। रिलायंस जियो ने 33.13 करोड़ ग्राहकों के साथ वोडाफोन आइडिया को पछाड़ दिया है।

See also  गांवों में खुलेंगे अमूल कैफे, म‍िलेंगे सभी डेयरी प्रोडक्ट

रिलायंस जियो का परचम भारत में इतनी तेजी से शीर्ष पर पहुंचा कि उसने 20 वर्षों से टेलीकॉम इंडस्ट्री में धाक जमा चुकी वोडाफोन -आइडिया कंपनी को धूल चटा दिया था, लेकिन रिलायंस जियो की 4जी नेटवर्क तक सीमितता ने शीर्ष टेलीकॉम कंपनियों के दिन फेर दिए, क्योंकि आईयूसी की वैधता के चलते जियो को अपने ग्राहकों के कॉल को एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया कंपनियों के यूजर से कनेक्टीविटी के लिए 6 पैसे प्रति कॉल की दर से शीर्ष कंपनियों को चुकाने पड़ रहे हैं। हालांकि पहले जियो कंपनी आईयूसी चार्ज खुद झेल रही थी, लेकिन ट्राई द्वारा आईयूसी की वैधता खत्म करने के बजाय 2022 तक कर दिए जाने से जियो को अपने ग्राहकों से जियो से अन्य नेटवर्क पर क़ॉल के लिए 6 पैसे प्रति कॉल वसूलने पड़ रहे हैं।

इसका सीधा फायदा एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया को हो रहा है, जो बिना कुछ किए ही जियो से 4500 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष कमा रही हैं। क्योंकि जियो टूजी नेटवर्क पर नहीं है, लेकिन जब जियो कॉलर एयरटेल अथवा वोडाफोन उपभोक्ता फोन करता है अथवा एयरटेल-वोडाफोन कॉलर जियो उपभोक्ता को कॉल करता है तो जियो को कनेक्टीविटी के लिए उन्हें 6 पैसे प्रति कॉल चुकान पड़ रहे है। क्योंकि अभी भी 32 करोड़ यूजर भारत में टूजी नेटवर्क पर है, जो ग्रामीण इलाको में अधिकांश हैं।