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भुवनेश्वर में नए न्यायिक न्यायालय परिसर का उद्घाटन किया राष्ट्रपति मुर्मू ने

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम ,नई दिल्ली :  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को ओडिशा की राजधानी  भुवनेश्वर में नए न्यायिक न्यायालय परिसर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि यदि समय पर न्याय नहीं मिलता है, तो यह न्याय न मिलने के बराबर है। स्थगन की संस्कृति के कारण सबसे अधिक पीड़ित गरीब लोग हैं। उनके पास न तो पैसा है और न ही बार-बार न्यायालय में उपस्थित होने के लिए पर्याप्त जनशक्ति है। राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी हितधारक आम लोगों के हित में स्थगन की संस्कृति से बचने का तरीका खोजने को प्राथमिकता देंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि आम लोगों के लिए भाषा भी एक बाधा है। वे यह नहीं समझ पाते कि वकील उनके लिए क्या तर्क दे रहे हैं या न्यायाधीश क्या राय दे रहे हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि न्यायालय के निर्णयों का अब ओडिया और संथाली भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है और ये अनुवादित निर्णय सर्वोच्च न्यायालय और उड़ीसा उच्च न्यायालय की वेबसाइटों पर उपलब्ध हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि आज महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य क्षेत्रों की तरह न्यायपालिका में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि ओडिशा न्यायिक सेवा में वर्तमान में 48 प्रतिशत महिला अधिकारी हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले दिनों में महिला अधिकारियों की संख्या में वृद्धि होगी। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आम नागरिक बिना किसी डर के न्यायिक प्रणाली से जुड़ सकें। लोग अक्सर वकीलों और न्यायाधीशों के सामने घबरा जाते हैं, इसलिए अदालतों में एक संवेदनशील माहौल जरूरी है ताकि वे अपनी बात खुलकर कह सकें। राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि नया न्यायालय परिसर वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है। न्याय की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि न्यायालय परिसर में आधुनिक सुविधाएं न्यायिक बिरादरी के सुचारू संचालन में मदद करेंगी। उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम में ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास, ओडिशा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी भी उपस्थित थे। (एएनआई)

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