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भाजपा पूर्व विधायकों ने राज्यपाल से की सुरक्षा की गुहार, कहा-जान को है खतरा

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, रायपुर छहत्तीसगढ़ । नक्सल प्रभावित संवेदनशील इलाकों के भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से सुरक्षा की गुहार लगाई है। राज्य सरकार ने 16 जून को आदेश कर 22 नेताओं की सुरक्षा कम की है, इसमें भाजपा के 17 नेता शामिल है। कुछ नेताओं की सुरक्षा को तो पूरी तरह से हटा दिया गया है। इसको लेकर भाजपा नेताओं ने पहले पुलिस से शिकायत की थी। इसके बाद शुक्रवार को भाजपा के डॉ. सुभाऊ कश्यप, भोजराज नाग, लच्छू कश्यप, बैदू कश्यप, पिंकी शिवराज शाह और श्रवण मरकाम ने राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से भेंट कर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के पूर्व विधायकों की सुरक्षा की व्यवस्था यथावत बहाल करने के लिए ज्ञापन सौंपा।

उन्होंने राज्यपाल से कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में प्रचार करना जान के लिए खतरा है। पूर्व विधायकों ने यह भी आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में पिछले 4 वर्षों में नक्सली माओवादी समूह ने अप्रैल 2019 से लेकर मार्च 2023 तक 33 जनप्रतिनिधियों तथा राजनीतिक रूप से सक्रिय लोगों की हत्या की है। पिछले 6 माह में ही भाजपा के चार कार्यकर्ताओं की टारगेट किलिंग हुई है। ऐसे में पूर्व विधायकों की सुरक्षा में कमी करना मानवीयता की दृष्टि से भी अनुचित है। पूर्व विधायकों ने कहा कि राज्यपाल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को यह भी संदेश दें कि पूर्व जनप्रतिनिधियों एवं विधायकों का जीवन किसी भी तरह की राजनीति या चुनाव से अधिक मूल्यवान है।

कांग्रेस नेताओं की सुरक्षा में भी कटौती
बीजापुर जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व जिलाअध्यक्ष अजय सिंह, पूर्व विधायक तेजकुंवर नेताम और शंकर ध्रुवा है। इन्हें जेड सुरक्षा से घटाकर वाई सुरक्षा श्रेणी दी गई है। महामंत्री रवि घोष को भी स्थानीय स्तर पर सुरक्षा देने का निर्देश है। लेखनी सोनू चंद्राकर के सुरक्षा की मांग को खारिज कर दी गई।
ऐसे समझें सुरक्षा व्यवस्था को

Z सिक्योरिटी- 6 कमांडो और पुलिस कर्मियों समेत 22 जवान तैनात रहते हैं। Y+ सिक्योरिटी- 11 सुरक्षा कर्मी शामिल होते हैं। इसमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ शामिल होता है। Y सिक्योरिटी- सुरक्षा में 1 या 2 कमांडो और पुलिस कर्मियों सहित 8 जवानों का सुरक्षा कवच प्रदान किया जाता है। X सिक्योरिटी- 2 सशस्त्र पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाता है।

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भाजपा के इन नेताओं की सुरक्षा की गई कम
  • रामविचार नेताम की जेड सुरक्षा को घटाकर वाई प्लस कर दिया गया।
  • पूर्व विधायक बैदूराम कश्यप, लच्छूराम कश्यप, भोजराज नाग की जेड सुरक्षा को वाई कर दिया गया।
  • पूर्व विधायक डॉ. सुभाऊ कश्यप, श्रवण मरकाम और गोवर्धन मांझी की वाई प्लस सुरक्षा को घटाकर वाई कर दिया गया है।
  • पूर्व विधायक ब्रह्मानंद नेताम, सुमित्रा मारकोले, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष सचिन बघेल, विक्रांत सिंह की सुरक्षा को वाई प्लस से एक्स कर दिया गया। सिद्धार्थ सिंह की सुरक्षा वाई प्लस से एक्स कर दी गई है।
  • पूर्व सांसद मधुसूदन यादव की सुरक्षा वाई से एक्स कर दी गई है।
  • पूर्व विधायक पिंकी शिवराज शाह की वाई सुरक्षा को हटा दिया गया है। नक्सल क्षेत्र में भ्रमण करने पर पुलिस सुरक्षा उपलब्ध होगी।
  • रामविचार नेताम की पत्नी पुष्पा नेताम की एक्स सुरक्षा को हटा दिया गया है। उन्हें भी स्थानीय स्तर पर सुरक्षा दी जाएगी।
  • पूर्व सांसद प्रदीप गांधी को भी सुरक्षा नहीं दी गई है।
  • पूर्व मंत्री गणेश राम भगत को केंद्र से वाई सुरक्षा मिली है, इसलिए राज्य की वाई सुरक्षा उनसे वापस ले ली गई है।