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बेंगलुरु इंजीनियर आत्महत्या केस पर पुलिस हुई एक्टिव पहुंची निकिता के घर, पकड़ने के डर से सास और साला बदल रहे लोकेशन

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, नई दिल्ली:  बेंगलुरु में रहने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में पुलिस अब ऐक्टिव हो गई है। बेंगलुरु पुलिस ने अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा और भाई अनुराग की तलाश तेज कर दी है। इन तीनों को पकड़ने के लिए बेंगलुरु पुलिस ने अपनी एक टीम को जौनपुर रवाना किया, जो गुरुवार को पहुंच गई। अतुल सुभाष ने यह आरोप लगाकर जान दे दी थी कि उसकी पत्नी निकिता और ससुराल वाले उत्पीड़न कर रहे हैं। उनका कहना था कि दोनों के बीच केस चल रहा था और निकिता लगातार उन्हें फंसाने की धमकी दे रही थी। उसका कहना था कि 3 करोड़ रुपये देकर सेटलमेंट कर लो वरना पूरे परिवार को फंसा देंगे। अतुल सुभाष ने एक वीडियो भी जारी किया था, जो बेहद मार्मिक था। इसके अलावा वह 24 पन्नों की एक चिट्ठी भी लिखकर गए हैं। बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि हमने एक टीम निकिता, निशा और अनुराग की तलाश के लिए भेजी है। खबर मिली है कि वे लोग जौनपुर स्थित अपने घर को छोड़कर कहीं चले गए हैं। अब उन लोगों की खोज के लिए जौनपुर पुलिस से भी मदद मांगी गई है। बेंगलुरु की मुन्नेकोल्लल कॉलोनी में रहने वाले अतुल सुभाष की मौत के बाद उनके माता-पिता पहुंचे थे और अब वे वापस बिहार के समस्तीपुर आ गए हैं। अतुल के भाई विकास ने इस मामले में केस दर्ज कराया था, जिसके आधार पर पुलिस ऐक्शन ले रही है। बेंगलुरु के मराठाहल्ली थाने की पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में केस दर्ज किया है। अतुल सुभाष का कहना था कि निकिता और उसके परिवार वाले पूरे मामले को खत्म करने के लिए 3 करोड़ रुपये की डिमांड कर रहे थे। इसके अलावा बच्चे को दिखाने के लिए भी 30 लाख रुपये की मांग की जा रही थी। पुलिस का कहना है कि एक टीम बुधवार को ही यूपी रवाना हो गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘जांच अधिकारी तय करेंगे कि निकिता, निशा और अनुराग को हिरासत में लिया जाए या फिर नोटिस जारी किया जाए।’  खबरें हैं कि ये तीनों लोग अपने जौनपुर स्थित घर को छोड़कर भाग गए हैं। इसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वहीं जौनपुर के एसपी अजयपाल शर्मा ने कहा कि हमें अब तक बेंगलुरु पुलिस से कोई सूचना नहीं मिली है। यदि उनकी ओर से मदद मांगी जाती है तो हम सपोर्ट करेंगे। वहीं निकिता का पक्ष रखने वाले वकील विजय मिश्रा का कहना है कि अतुल से गुजारा भत्ता मांगने के लिए मुकदमा चल रहा था। यह तो समझ से ही परे है कि उसने जान क्यों दे दी। इस मामले में विस्तार से जांच की जरूरत है ताकि सच पता चल सके।

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