रेपो दरों का सीधा असर बैंकों के द्वारा आम लोगों को बांटे जाने वाले कर्ज पर दिखता है. आज की बढ़त के साथ जल्द ही बैंक अपनी कर्ज दरों में बढ़त का ऐलान शुरू कर सकते हैं।
महंगे होम लोन और व्हीकल लोन के लिए तैयार हो जाइये..दरअसल रिजर्व बैंक ने महंगाई को नियंत्रण में करने के लिए रेपो दरों में आधा प्रतिशत की बढ़त का ऐलान कर दिया है, रेपो दरों का सीधा असर बैंकों के जरिए ग्राहकों को मिलने वाले कर्ज पर पड़ता है। बढ़त के साथ अब रेपो दरें बढ़कर के 5.9 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई हैं, इसके साथ ही एसडीएफ रेट में भी आधा प्रतिशत की बढ़त की गई है, अगस्त में महंगाई दर के 7 प्रतिशत पर वापस पहुंचने के साथ ही अनुमान थे कि केंद्रीय बैंक दरों को लेकर सख्त रुख बनाए रखेगा, इससे पहले फेडरल रिजर्व ने भी ब्याज दरों में तेज बढ़त की थी, जिसके बाद दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने भी सख्ती दिखाई है।
पॉलिसी में क्या कहा गवर्नर ने
रिजर्व बैंक के गवर्नर के मुताबिक एमपीसी में 6 में से 5 सदस्य आधा प्रतिशत की बढ़त के पक्ष में थे, जिसके बाद दरों को 5.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया गया है। गवर्नर के मुताबिक इन कदमों से आने वाले समय में महंगाई में कमी आने का अनुमान है और दूसरी छमाई यानि अक्टूबर से मार्च के बीच महंगाई दर 6 प्रतिशत पर आ सकती है जो कि फिलहाल 7 प्रतिशत के स्तर पर है, रिजर्व बैंक का अनुमान है कि जनवरी से मार्च के बीच महंगाई दर 2 से 6 प्रतिशत की संतोषजनक सीमा के अंदर आ जाएगी, गवर्नर ने कहा कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हालिया नरमी अगर कायम रही तो महंगाई दर के मोर्चे पर जल्द राहत मिल सकती है।
आर्थिक ग्रोथ का अनुमान घटा:
मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ का अनुमान घटा दिया है, आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने आर्थिक वृद्धि अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है, हालांकि उन्होने कहा कि भारत में आर्थिक गतिविधियां स्थिर बनी हुई हैं, गवर्नर के मुताबिक फिलहाल क्रेडिट स्थिति बेहतर है और आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रों से मांग भी बेहतर होने का अनुमान है।
लगातार चौथी बढ़त:
सितंबर की बढ़त रिजर्व बैंक के द्वारा की गई लगातार चौथी बढ़त है इससे पहले अगस्त और जून की समीक्षा में रेपो दरें में आधा-आधा प्रतिशत की बढ़त की थी, वहीं मई के दौरान रिजर्व बैंक ने अचानक दरों में 0.4 प्रतिशत की बढ़त की थी, आज की बढ़त के साथ रेपो दरें 3 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं, बढ़त के साथ ही कर्ज दरें भी महंगी हो जाएंगी, अनुमान है कि बैंक जल्द ही कर्ज महंगे करने का ऐलान शुरू कर देंगे।