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फर्जीवाड़ा: फर्जी पत्रकार व सीए से अधिकारी परेशान, आरटीआई का हवाला देकर करते थे वसूली

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, रायपुर। राजधानी रायपुर में फर्जी पत्रकारिता के नाम पर ठगी बंद होने का नाम नहीं ले रही है, फर्जी पत्रकार पत्रकारिता की धौंस जमाकर बड़े-बड़े अफसरों को अपना निशाना बना कर मोटी रकम वसूल रहे हैं, ऐसा ही मामला राजधानी में एक सीए और पत्रकार द्वारा फर्जीवाड़ा का कारोबार राजधानी में बड़े पैमाने पर चल रहा है। हालांकि अफसरों ने सीए और फर्जी पत्रकार की शिकायत सीएम हाउस तक कर दी है।

आरटीआई का हवाला देकर वसूली 

बताया जा रहा है कि जालसाज पत्रकार व सीए अफसरों को धमका कर आरटीआई वापस लेने के नाम पर वसूली की जाती है। कहा जाता है कि समाज में सीए देश की अच्छी अर्थव्यवस्था में अपनी अहम भूमिका निभाता है, वहीं राजधानी के टैगोर नगर निवासी सीए ने अपनी मोटी कमाई के चक्कर में लूटपाट व ब्लैकमेलिंग का कारोबार व अफसरों को धमकाने का काम भी बखूबी तरीके से कर रहा है।

फर्जी पत्रकार व सीए से अधिकारी परेशान 

राजधानी में फर्जी पत्रकारिता करने वाले को अपने साथ रखकर आरटीआई लगवाकर अपनी दुकान चला रहा है। अफसरों को धमकाने का काम करने से भी यह बाज नही आए। राजधानी के एक सीए ने अपनी बंद होती दुकान को बचाने के लिए अपने पाले हुए कथित फर्जी पत्रकार के नाम से अफसरों को डराने का काम करता है। सुनियोजित तरीके से यह काम अंजाम देने का गुणाभाग लगाने में लगे है। व्यवसायिक लोगो को डराने का काम करके मोटी रकम की वसूली भी करते आ रहा है। कथित फर्जी पत्रकार दल्ला बनकर अपने सीए मालिक के आदेश का पूरा पालन करता है। अफसरों के नाम से उलजुलूल सवालों को बनाकर मदमस्त सीए बनाकर देता है जिसको कथित पत्रकार शासकीय कार्यालयों में जाकर लगाता है। इन दोनों की जोड़ी की चर्चा आज कल राजधानी में बनी हुई है।

यूट्यूब चैनल से ब्लैकमेलिंग

कथित फर्जी पत्रकार अपना यूट्यूब चैनल बनाया हुआ है। अनपढ़ अज्ञानी पत्रकार के यूट्यूब चैनल में वीडियो की संख्या नही के बराबर है। देखा जाए तो यह यूट्यूब चैनल केवल ब्लैकमेलिंग के लिए सीए ने बनवाया है। इस यूट्यूब चैनल में वीडियो बनाकर वसूली का काम सीए और फर्जी पत्रकार करते आ रहे है। इस फर्जी पत्रकार को नेताओ व अफसरों के बंगले में भीख मांगते इसको देखा जा सकता है। इसकी यही दुकानदारी है अपने आपको पत्रकार बताकर शासकीय अफसरों के पास खाना खाने के लिए पैसा मांगते भी देखा जा सकता है। इस कथित फर्जी पत्रकार के यूट्यूब चैनल में 50 सब्सक्राइबर भी नही है। यह अपने आपको पत्रकार बताकर अपनी वसूली की दुकान चलाते आ रहा है।

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