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प्रतिबंध प्रचार में सिमटा, बिक रही सिंगल यूज प्लास्टिक, दुकानदार और लोग कर रहे इस्तेमाल

भारत सरकार ने पर्यावरण के लिए घातक सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। गांधी जयंती से इसको लेकर जनजागरण अभियान चलाया गया। पर्यावरण संरक्षण मंडल, नगर निगम और सामाजिक संस्थाओं ने भी प्रतिबंधित पालिथीन का उपयोग बंद करने मैदानी पहल की। दीवार लेखन हुआ। जब्ती तथा पेनाल्टी लगाई गई। कपड़े की हजारों थैलियां बंटवाई गईं। अभियान के चार दिन बाद ‘दैनिक भास्कर’ ने ग्राउंड रिपोर्ट की तो प्रतिबंध का असर नाम मात्र का नजर आया। 

सिंगल यूज प्लास्टिक मिलने पर लग सकता है 25 हजार रुपए तक जुर्माना

  1. बृहस्पति, शनिचरी, बुधवारी, सदर, गोल बाजार आदि में डिस्पोजेबल ग्लास, कटोरियां, पालिथीन पन्नियों का इस्तेमाल होता नजर आया। थोक दुकानदारों के यहां डिस्पोजेबल ग्लास, कटोरियों के पैकेट खुलेआम रखे हुए हैं। ठेले व अन्य दुकानदार पॉलिथीन में सामान दे रहे हैं। शनिवार को सार्वजनिक कार्यक्रमों में सिंगल यूज प्लास्टिक का खुलकर इस्तेमाल हुआ। निगम ने सड़कों से सफाई में पांच ट्रैक्टर ट्राली प्लास्टिक निकाला। अब प्रशासन सिंगल यूज प्लास्टिक पहली बार मिलने पर 5 हजार, दूसरी बार में 10 और तीसरी बार में 25 हजार की पेनाल्टी लगाने पर विचार कर रहा है। 
  2. सिंगल यूज प्लास्टिक का सभी जुटकर बहिष्कार करें बृहस्पति, बुधवारी, शनिचरी, पुराना बस स्टैंड, गोल बाजार, सदर बाजार, तिफरा सब्जी और फल मंडी में विक्रेताओं ने बताया कि नगर निगम द्वारा प्लास्टिक यूज पर कार्रवाई की जा रही है। फल विक्रेता रमेश साहू ने बताया कि 30 रुपए में 100 पॉलीथिन मिलती है, पर कपड़े की थैली एक रुपए पड़ती है। थोक फल-सब्जी व्यापारी संघ के अध्यक्ष अनिल सलूजा ने कहा कि बृहस्पति बाजार में पॉलीथिन बंद हो गया था। बुधवारी और शनिचरी में भी पूरी तरह बंद करने दुकानदारों से कहा गया है। 
  3. जानिए प्लास्टिक की इन चीजों पर है प्रतिबंध छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल की साइंटिस्ट अनिता यादव ने बताया कि प्लास्टिक बैग्स, प्लास्टिक कटलरी, थर्माकोल से बनी कटलरी, कप, चम्मच, प्लेट व पानी के पाउच भी शामिल हैं। इसके अलावा थर्माकोल की प्लेट, नकली फूल, बैनर, झंडे, प्लास्टिक पानी बोतल, प्लास्टिक स्टेशनरी आइटम जैसे फोल्डर आदि का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। 
  4. इसलिए कारगर नहीं हो रहा अभियान बिलासपुर मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील सोंथलिया ने कहा कि अगर सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद करना चाहती है तो सबसे पहले उत्पादन बंद करे। हमारे किसी विक्रेता को पता नहीं है कि सिंगल यूज प्लास्टिक है क्या। उन्होंने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक व उनसे जुड़े उत्पादों के उत्पादन व इस्तेमाल को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। थोक कपड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष किशोर पंजवानी ने बताया कि 114 कपड़े की दुकानें हैं, लगभग 10 करोड़ का कारोबार है। उन्हें मोटी पॉलीथिन का उपयोग करने कहा गया है। 
  5. पॉलीथिन में बिक रहा 50 हजार लीटर दूध देवभोग का 7 हजार, एबीस का 8 हजार अमूल दो हजार, दिनशा 6 हजार, वचन दो हजार और नंदनम् दूध की रोजाना खपत 2 हजार लीटर है। इस पर बैन नहीं है पर रोजाना करीब 45 से 50 हजार लीटर खुला दूध डेयरी शॉप से पॉलीथिन बैग में दिया जा रहा है। डेयरी व्यवसायी संघ के अध्यक्ष बेनी गुप्ता के मुताबिक 200 गेज का प्लास्टिक यूज किया जा सकता है। 
  6. प्लास्टिक, डिस्पोजेबल का 450 करोड़ का धंधा : अकेले बिलासपुर में प्लास्टिक व डिस्पोजेबल का लगभग 450 करोड़ का सालाना कारोबार होता है। संभाग में सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन करने वाली 31 इकाइयां हैं। शहर में 8 थोक विक्रेता और लगभग 3 हजार फुटकर विक्रेता इसके कारोबार में शामिल हैं। 
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