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निकाय चुनाव: भाजपा कार्यालय में हुई बैठक, बनी रणनीति

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे प्रदेश कार्यालय में गुरुवार को देर रात तक चली बैठक में चुनाव को लेकर लंबी चर्चा हुई। बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ सभी मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव, संगठन महामंत्री पवन साय उपस्थित रहे। बैठक में पहले निगम और पंचायत चुनावों को एक साथ करवाने पर चर्चा हुई। फिर यह तय किया गया कि अगर दोनों चुनाव एक साथ होंगे तो अभी पंचायतों के आरक्षण ही तय नहीं हो पाए हैं। इस प्रक्रिया में कम से कम 15-20 दिन लग सकते हैं। इस तरह आचार संहिता 15 जनवरी के बाद ही लग पाएगी। ऐसे में परीक्षाएं बाधित हो जाएंगी। चार घंटे चली बैठक में अंतिम निर्णय यह लिया गया कि अगर 10 जनवरी के पहले सभी प्रशासकीय कार्य हो जाते हैं तो चुनाव फरवरी में करवा लिए जाएं, वरना इसे मार्च के बाद ही किया जाए।

परीक्षाओं के चलते मई तक टल सकते हैं चुनाव प्रदेश में पहली बार नगर निगम और पंचायत के चुनाव कार्यकाल खत्म होने के बाद होंगे। यही वजह है कि 3 जनवरी के बाद से 14 नगर निगमों में एक-एक कर महापौर की जगह प्रशासक बैठ जाएंगे। सबसे पहले 3 जनवरी को राजनांदगांव और भिलाई चरौदा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसके साथ ही निगम और पंचायत चुनाव भी परीक्षाओं की वजह से मई में होने की संभावना जताई जा रही है।

1 मार्च से 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं, जो 28 मार्च तक चलेंगी। शिक्षा विभाग 15 फरवरी से परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर देगा। दोनों चुनावों में सबसे बड़ा अमला शिक्षा विभाग का ही लगाया जाता है। ऐसे में अगर चुनाव 15 फरवरी के पहले नहीं हो पाए तो आचार संहिता अप्रैल में लगेगी। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने निगम चुनावों को 6 महीने के अंदर करवाने के लिए विधेयक पास करवा लिया है। इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी पंचायतों के चुनाव 6 महीने के अंदर करवाने के लिए अध्यादेश लाने वाले हैं। इससे पहले, विधानसभा में नगर पालिका तथा नगर निगम संशोधन विधेयक ध्वनिमत से पारत किया गया। कांग्रेस विधायकों ने इसका विरोध करते हुए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया।

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