दंगाईयों को शुरू हुआ एहसास कि योगी से पंगा गलत लिया. घरों पर चिपकी नोटिस, पैसा जमा करवाओ वरना सम्पत्ति होगी कुर्क…
आतंक और उन्माद को काबू करने के लिए जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश पुलिस ने अभियान छेड़ा हुआ है उसके बाद हर तरफ उन्मादियों और दंगाईयों मव खौफ़ देखा जा सकता है. योगी सरकार के बार – 2 चेतावनी के बाद भी जो उन्मादी नहीं माने अब उनके खिलाफ निर्णायक लड़ाई जैसी कार्यवाही कानून के दायरे में शुरू हो चुकी है.. नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के बाद सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ योगी सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है. यूपी पुलिस ने ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन पर जुर्माना लगाकर उन्हें वसूली नोटिस भेज रहे हैं.
जुर्माना नहीं चुकाने पर लोगों की सम्पत्ति को कुर्क करने की बात हो रही है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 19 दिसंबर को हुई हिंसा के बाद पुलिस ने उपद्रवियों को सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से चिन्हित किया है और इसी के आधार पर उन पर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. वहीं, लखनऊ में हुई हिंसा के मामले में पकड़े गए आधा दर्जन से ज्यादा लोगों का पश्चिम बंगाल से कनेक्शन है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, लखनऊ में हिंसा के दौरान इन्हें बंगाल से बुलाया गया था. पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि उग्र प्रदर्शन मामले में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है. लखनऊ में ही करीब 218 लोग गिरफ्तार हुए हैं. डीजीपी ने कहा, ‘मामले की जांच जारी है. प्रदर्शन में एनजीओ और बाहरी तत्व शामिल हो सकते हैं. हम जांच करा रहे हैं और किसी को छोड़ा नहीं जाएगा. निर्दोष को कोई परेशानी नहीं होगी.’
उप्र में अब तक 15 मौतें, 705 गिरफ्तारियां
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में चल रहा उग्र विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. बता दें कि शनिवार को कानपुर और रामपुर में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई. रामपुर में एक की मौत हो गई. अन्य जिलों में छिटपुट घटनाएं हुई हैं. पुलिस के मुताबिक, विरोध प्रदर्शनों के दौरान 11 दिनों के भीतर 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 705 गिरफ्तारियां हुई हैं. वहीं, 4500 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
आईजी (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने कहा, ‘पूरे प्रदेश में 10 दिसंबर से लेकर अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसक प्रदर्शनों में 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है. पुलिस हिंसाग्रस्त इलाकों में गश्त कर लोगों से शांति की अपील कर रही है.’
अब लखनऊ समेत 15 जिलों में सोमवार को दोपहर 12 बजे तक इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद रहेंगी. मोबाइल ऑपरेटरों को गृहमंत्रालय द्वारा आदेश भेजे गए हैं. लखनऊ, सहारनपुर, मेरठ, शामली, मुजफरनगर, गाजियाबाद, बरेली, मऊ, संभल, आजमगढ़, आगरा, कानपुर, उन्नाव, मुरादाबाद, प्रयागराज शामिल हैं. अन्य जिलों में भी इंटरनेट सेवाओं को बंद रखने का फैसला वहां के डीएम पर छोड़ा गया है. स्थितियों के अनुरूप वे इंटरनेट सेवाओं को प्रतिबंधित कर सकते हैं.
शनिवार को लखनऊ की एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि 250 लोगों को वीडियो फुटेज और फोटो के आधार पर चिन्हित कर गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल बाकी प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है. प्रशासन इन आरोपियों पर रासुका और संपत्ति कुर्क की कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. उधर, गोरखपुर में भी प्रदर्शन करने वालों के पुलिस ने स्केच जारी किए हैं.
प्रदेश उग्र हिंसा के चलते शनिवार को प्रस्तावित पोलीटेक्निक की विशेष बैक परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है. इससे पहले शुक्रवार की भी परीक्षा स्थगित कर दी गई थी. वहीं, स्कूल कलेजों और विवि में पहले ही छुट्टी चल रही है. यूपी टीईटी परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं.
शनिवार को कानपुर के यतीमखाना में जुलूस निकाला गया. इस दौरान बड़ी संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले भी छोड़े. इसमें 12 से अधिक लोगों के घायल होने की जानकारी है.