मौसम विभाग ने बताया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के अधिकांश भागों से आगे बढ़ रहा है। इसका मतलब है कि यह पहले से अनुमानित समय पर केरल तट तक पहुंच जाएगा। इसी के साथ देश की मुख्य भूमि पर बरसात की शुरुआत होगी। मौसम विभाग ने पहले बताया था, मानसून 27 मई तक केरल तट तक पहुंच जाएगा। ऐसा हुआ तो 7 जून तक छत्तीसगढ़ में मानसून का प्रवेश हो जाएगा।
माना जाता है कि मानसून केरल पहुंचने के 10 दिनों में छत्तीसगढ़ पहुंच जाता है। इस से अनुमान लगाया जा रहा है कि सब कुछ सामान्य रहा तो 6-7 जून तक मानसून छत्तीसगढ़ तक पहुंच जाएगा। उसके अगले चार दिनों में यह पूरे प्रदेश में छा जाएगा। प्रदेश की कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए सामान्य मानसून का काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ ही एक बार बरसात शुरू हो गई तो जलती गर्मी से भी लोगों को राहत मिलेगी। मानसून की दस्तक से पहले ही प्रदेश के कई हिस्सो में स्थानीय मौसमी तंत्र की वजह से छिटपुट बरसात जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को कटेकल्याण में सबसे अधिक 5 मिलीमीटर बरसात हुई है। केशकाल, छिंदगढ़, मानपुर, गरियाबंद, कुनकुरी और नारायणपुर में भी हल्की वर्षा दर्ज की गई है।