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जानिए बच्चे-बुजुर्ग ही क्यों निमोनिया के शिकार? हर साल लाखों मौत…

निमोनिया सांस से जुड़ा एक ऐसा भयंकर रोग है जिसका सही से इलाज न होने पर इंसान की मौत हो सकती है. इस बीमारी का सबसे ज्यादा शिकार बच्चे और बूढ़े होत हैं. इसका कारण फेफड़ों में फैलने वाला इंफेक्शन होता है जो इम्युनिटी सिस्टम को कमजोर कर देता है.

जानिए बच्चे-बुजुर्ग ही क्यों निमोनिया के शिकार? हर साल लाखों मौत

निमोनिया के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 12 नवंबर को वर्ल्ड निमोनिया डे सेलिब्रेट किया जाता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, पूरी दुनिया में सिर्फ एक-तिहाई बच्चों को ही निमोनिया की एंटी-बायोटिक दवाएं मिल पाती हैं.

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हर साल कितने लोगों की मौत-
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 5 साल से कम उम्र के करीब 15 प्रतिशत बच्चों की मौत इसी बीमारी के कारण होती है. साल 2017 में भी ये भंयकर रोग 8,08,694 बच्चों की मौत का कारण बना था.

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कैसे होता है निमोनिया-
निमोनिया मुख्य तौर पर बैक्टीरिया, वायरस या फंगल के कारण होता है. मौसम बदलने, सर्दी लगने, फेफड़ों पर चोट लगने और चिकनपॉक्स जैसी बीमारियों में इसका खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.

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इसके अलावा टीबी, एचआईवी पॉजिटिव, एड्स, अस्थमा, डायबिटीज, कैंसर और दिल के मरीजों में भी निमोनिया होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है. अब तो प्रदूषण की वजह से भी लोगो में निमोनिया की शिकायत देखने को मिल रही है.

क्या है लक्षण-
निमोनिया होने पर मरीज को तेज बुखार, खांसी में बलगम, सांस लेने में तकलीफ, हार्ट बीट्स का तेज होना, उलटी, दस्त, भूख न लगना, बहुत ज्यादा कमजोरी लगना और बेहोशी जैसा महसूस होने लगता है.

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क्या है इलाज?-
निमोनिया होने पर रोगियों को एंटी-बायोटिक दवाएं दी जाती है. इसकी दवा का नियमित रूप से सेवन करना जरूरी है. डॉक्टर की सलाह न मानने पर इस बीमारी का विक्राल रूप इंसान की जिंदगी के लिए खतरनाक होता है.

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कैसे रखें अपना ख्याल?-
निमोनिया होने पर भरपूर आराम करने और पर्याप्त नींद लेने की बड़ी जरूरत होती है. साथ ही शरीर में पानी की कमी न हो, इसलिए लिक्विड लेने में कोई कमी न छोड़ें. इसमें जूस, नारियल पानी और नींबू पानी काफी फायदेमंद साबित होता है. इस दौरान स्टीम लेने से भी शरीर को काफी राहत मिलती है.

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इन बातों का भी रखें ध्यान-
2 साल से छोटे बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगवाएं. जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, उन्हें भी टीका लगवाना चाहिए. ये एक फैलने वाला संक्रमण है, इसलिए खांसते या छींकते वक्त मुंह पर नैपकिन या रुमाल जरूर रखें. इसमें सिगरेट, शराब या स्टेरॉयड लेने से भी परहेज करना चाहिए.

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घरेलू नुस्खों से इलाज-
इस बीमारी से दूर रहने के लिए कुछ लोग घरेलू नुस्खों का भी इस्तेमाल करते हैं. लहसुन, मेथी के बीज, लाल मिर्च, तिल के बीज और सब्जियों के जूस को निमोनिया में काफी फायदेमंद माना जाता है. ये चीजें आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करती है जिससे निमोनिया हावी नहीं होता.