जमाखोरों के खिलाफ हुई छापामार कार्रवाई के बाद अब गोदामों से प्याज निकलने लगे हैं और इनकी लगातार बढ़ रही कीमतों में गिरावट आने लगी है। बताया जा रहा है कि पांच दिनों में प्याज के भाव 1500 रुपये प्रति क्विंटल गिर गए हैं और चिल्हर में भी 15 रुपये किलो सस्ती होकर 40 रुपये किलो से नीचे आ गई है।
कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में और गिरावट के आसार बने हुए हैं। गौरतलब है कि ऊपरी मंडी से ही पिछले दिनों प्याज की जमाखोरी में तेजी आनी शुरू हो गई थी। इसके असर से ही इसकी कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई और प्याज के दाम 60 रुपये किलो से भी अधिक हो गए थे, लेकिन इसके बाद प्रशासन की सख्ती के चलते प्याज व्यापारियों के ठिकानों पर दबिश दी गई। इससे प्याज की कीमतों में गिरावट शुरू हो गई।
थोक मार्केट में ही प्याज इन दिनों 2700-3200 रुपये प्रति क्विंटल तक बिका।जमाखोरी के कारण बाजार में प्याज की कीमतें तो बढ़ी ही थीं लेकिन मध्यमवर्गीय उपभोक्ता भी परेशान हो उठा था। उसका पूरा बजट प्याज के दामों के बढ़ते आंकड़ो से प्रभावित हुआ।
सस्ते टमाटर के लिए कुछ दिन का और इंतजार-
सब्जी कारोबारियों का कहना है कि टमाटर की भी नई आवक शुरू होने को है। उम्मीद की जा रही है कि अगले दस दिनों में इसकी नई आवक शुरू हो जाएगी और नई आवक शुरू होते ही टमाटर की कीमतों में गिरावट आने लगेगी। अभी की स्थिति में बेंगलुरू से आने वाले टमाटर की आवक काफी कम है। साथ ही लोकल टमाटर भी नहीं आ पा रहे हैं। इसके चलते ही कीमतों में गिरावट है।
दूसरी सब्जियां भी हुईं महंगी
प्याज और टमाटर के साथ ही इन दिनों दूसरी सब्जियों पर भी तेजी का असर दिखने लगा है। गोभी 60 रुपये किलो, बरबट्टी 40 रुपये किलो, भिंडी 40 रुपये किलो, कुम्हड़ा 20 रुपये किलो, लौकी 20 रुपये किलो तक बिक रही है।