छत्तीसगढ़ में सरकार स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन में पौष्टिक खाना देने की योजना चला रही है। जशपुर जिले के एक स्कूल में बच्चे जो पानी पी रहे हैं, उसे पीने की कल्पना शहरों में बैठा कोई भी व्यक्ति नहीं कर सकता। बच्चे स्कूल पास बने एक गड्ढे और कुएं में जमा गंदा पानी पी रहे हैं। मध्याह्न भोजन के बाद थाली और हाथ इसी में धोते हैं, इसके बाद कपड़े से यही पानी छानकर पीते हैं। यह मजबूरी इस वजह से क्योंकि स्कूल में लगा हैंडपंप दो सालों से खराब पड़ा है।
69 बच्चों के लिए एक टीचर
- इस स्कूल का नाम शासकीय प्राथमिक शाला भट्ठा है। यहां 69 बच्चे पढ़ते हैं। 5वीं कक्षा तक के स्कूल में टीचर एक ही है। स्कूल में कम से कम 3 टीचर होने चाहिए] लेकिन एक ही टीचर के भरोसे बच्चों का भविष्य है। गंदे पानी की समस्या पर टीचर हरिशंकर सिदार ने बताया कि दो सालों से अधिकारियों और सरपंच को इसकी लिखित जानकारी दी जा रही है] लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हुआ। गांव में भी पानी की समस्या है]आम लोग भी इसी पानी को पीने के लिए मजबूर हैं।
- जिला शिक्षा अधिकारी एन कुजूर ने बताया कि बच्चों को गंदा पानी मिलने की जानकारी इससे पहले मुझे नहीं थी। मीडिया की वजह से जानकारी मिली है] पीएचई के अधिकारियों से बात करके खराब पड़े हैंड पंप को बनवाया जाएगा। जशपुर विधायक विनय भगत ने कहा कि आज के दौर में स्कूली बच्चे गड्ढे और कुएं का गंदा पानी पी रहे हैं यह दुर्भाग्य जनक है। मैं जल्द ही गांव जाकर लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्या को दूर करने का प्रयास करुंगा।