स्टेट हाइवे के रूप में लवाकेरा से कोतबा तक बनी लगभग 40 किलोमीटर की सड़क चार साल पूरा होने से पहले ही खराब हो गई है। नियम के मुताबिक इस सड़क को कम से कम पांच साल बिना किसी मरम्मत के चलना था, लेकिन निर्माण के पहले ही साल से इस सड़क की स्थिति खराब होने लगी थी। मार्ग पर पुलिया भी निर्माण किया गया है, जिसकी स्थिति जर्जर हो रही है और 4 साल में ही पुलिया का खराब होना निर्माण में गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। लोगों की बहुप्रतिक्षित मांग के रूप में लावाकेरा से कोतबा तक की सड़क का निर्माण किया गया। इस सड़क के साथ विवाद प्रारंभ से ही रहा और अब यह सड़क लोगों की परेशानी का सबब बन गया है। बताया जा रहा है कि भारी वाहनों की आवाजाही पर किसी प्रकार का नियंत्रण नहीं होने के कारण यह स्थिति उत्पन हुई है।
इधर राजमार्ग 43 में निर्माण कार्य व लगातार राजमार्ग के खराब होने के कारण लावाकेरा, कोतबा क्षेत्र के मार्गों में पर ही आवागमन अधिक रहा। कई वाहनों ने अपने रूट बदल लिए। उसपर लगातार क्षमता से अधिक माल लेकर जा रहे वाहनों को भी सड़क के दुर्दशा का कारण माना जा रहा है।
इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि जब निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था तो एक ओर जहां सड़क का निर्माण हो रहा था, वहीं दूसरी ओर से सड़क उखड़ते भी जा रहे थे। निर्माण के समय भी गुणवत्ता को नजरअंदाज कर दिया गया और कई बार सड़क निर्माण बाधित हुआ।
यहां कई बार जांच एजेंसियों के द्वारा शिकायत और ग्रामीणों के विरोध पर रूके। वर्तमान स्थिति यह है कि 41 करोड़ की लागत से बनी इस सड़क पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो गई है। खासकर लावाकेरा से लेकर सरईटोली तक लगभग 10 किलोमीटर की सड़क सबसे अधिक जर्जर है, जहां आवागमन मुश्किल हो गया है।
कई स्थानों पर गड्ढे निर्मित हो गए हैं और आए दिन बड़ी दुर्घटना भी यहां देखने को मिल रही है। इस मार्ग पर पुलिया की स्थिति यह है कि विभाग को अब यहां बोर्ड लगाने पड़ रहे हैं, जिसमें बताया गया है कि आगे पुलिया की स्थिति खराब है।
निर्माण काल के 6 साल में ही जिस कार्य में सुरक्षा के बोर्ड लगाने पड़ रहे हैं, सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि निर्माण में किस कदर अनियमितता बरती गई है। लोगों का कहना है कि पांच साल के नियमों को लेकर साम, दाम, दंड, भेद करते हुए जुगाड़ में ठेकेदार बच जाते है, जिसके बाद उनकी जिम्मेदारी भी खत्म हो जाती है। यही हाल लावाकेरा कोतबा मार्ग पर देखने को मिल रहा है। गुणवत्ताविहीन सड़क का खामियाजा आम जनता केा भुगतना पड़ रहा है।
निर्माण सामग्री से बढ़ी मुसीबत
सड़क की रिपेयरिंग के नाम पर लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क के किनारे जगह जगह भारी मात्रा में निर्माण सामग्री गिरा दिया गया है। जर्जर सड़क में उड रहे धूल के गुबार की वजह से डंप किया गया,निर्माण सामग्री दूर से नजर ही नहीं आते हैं। इस वजह हादसे की आशंका बनी रहती है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सडक के क्षतिग्रस्त हिस्से की रिपेयरिंग की तैयारी की जा रही है। लेकिन यह रिपेयरिंग कब शुरू होगी,यह बताने की स्थिति में कोई नहीं है।
प्रभारी मंत्री की नाराजगी का भी नहीं हुआ असर
कुनकुरी तपकरा और कोतबा से लवाकेरा मार्ग की दुर्दशा पर जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत ने नाराजगी जाहिर किया था। भड़के हुए मंत्री ने लवाकेरा मार्ग के मेन्टेनेंस में बरती जा रही लापरवाही के मामले में पीडब्लूडी के पत्थलगांव संभाग के ईई को निलंबित करने का निर्देश भी दिया था। प्रभारी मंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भी प्रेषित भी किया,लेकिन यह मामला अब ठंडे बस्ते में चला गया है।