छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत 11 जिलों में पुलिस की एक्के नंबर सब्बो बर डॉयल 112 हेल्पलाइन यूनिट लोगों को आपातकालीन परिस्थिति में जहां राहत पहुंचा रही है, वहीं शरारती तत्वों की वजह से पुलिस का समय भी बर्बाद हो रहा है। डॉयल 112 में 80 फीसद से ज्यादा कॉल फर्जी (फेक) किए जा रहे हैं। फर्जी शिकायतें भी गजब की होती हैं। जैसे घर के सामने हत्या हो गई है, दस लोग मिलकर एक की पिटाई कर रहे हैं, पत्नी को मारकर फेंक दिया है, प्रेमी-प्रेमिका की हत्या हो गई है आदि। ऐसे फर्जी कॉल के कारण टीम में शामिल जवानों को बेवजह परेशान होना पड़ रहा है। हालांकि ऐसे कॉलर को अब ट्रेसआउट कर सबक भी सिखाया जा रहा है। फर्जी कॉलर के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं में कार्रवाई की जा रही है।
डॉयल 112 के एसपी धमेंद्र गर्ग ने बताया कि टीम पिछले एक साल से आपात स्थिति में लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने में जुटी हुई है। 11 जिलों को कवर करने के लिए 252 चारपहिया, 50 दोपहिया वाहन, 15 हाइवे वाहन, 50 अग्निशमन वाहन, 120 एंबुलेंस की मदद से अधिक एरिया को कवर किया जा रहा है। डॉयल 112 की टीम ने 11 जिलों में सितंबर 2018 से अगस्त 2019 तक एक्सीडेंट के 56 हजार 524 मामले में घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाकर उन्हें नया जीवन दिया है।
न्यूसेंस के 41645 मामले, शारीरिक अपराध के 43698, महिला संबंधी अपराध के 31561, संपत्ति संबंधी के 4611, आत्महत्या के 26 मामले, गुम इंसान के 23 ,रेस्क्यू के 12, वन्यप्राणी संबंधी 4 मामले, अपहरण के 2 , बाल विवाह के 1 प्रकरण समेत कुल 3,60,878 मामलों में टीम ने समय पर पहुंचकर राहत पहुंचाई है। डॉयल 112 की सेवा को लेकर लोगों का फीडबैक भी बहुत अच्छा रहा है। 5588 लोगों ने बहुत अच्छा, 5831 लोगों ने अच्छा तो 68 लोगों ने सेवा में कमी की शिकायत की है। यह आकंड़ा अक्टूबर 2018 से अगस्त 2019 के बीच का है।
14 हजार कॉल झूठी निकली
अभद्र एवं अनावश्यक शब्दों का प्रयोग के 14698 कॉल आए, जबकि 6490 कॉलर ने रिपिटेड एवं फर्जी कॉल किया। जिस मोबाइल से कॉल किया गया उन मोबाइल धारकों की संख्या 56 पाई गई। 14,704 ऐसे काल किए गए जो मौके पर पहुंचने पर झूठी निकली। 5764 कॉल रिसीव करने पर कोई बात नहीं की गई। 1768 अनावश्यक कॉल दर्ज की गई। एसपी धर्मेंद्र गर्ग ने बताया कि डॉयल 112 में अधिकतर कॉल टेकर महिलाएं हैं, जिनसे खासतौर पर पुरुष वर्ग द्वारा अभद्र एवं छेडखानी, शरारत भरी बातें की जा रही है। इन कालरों की वजह से महिला कॉलटेकर बहुत परेशान होती हैं।
केस वन : मई 2019 में कोरबा जिले के उरगा थाना के खरवानी गांव के पास सरईपाली में प्रेमी-प्रेमिका की हत्या होने की खबर पर डॉयल 112 की टीम मौके पर पहुंची। पता चला कि गांव में ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी।
केस टू : जुलाई 2019 में रायगढ़ के सरिया थाना क्षेत्र के मुंहदी सांकरा के सुशील डनसेना ने डॉयल 112 में एक दो या तीन नहीं, बल्कि सैकड़ों बार फर्जी कॉल कर टीम को परेशान कर रखा था। वह फर्जी सूचना देकर फोन बंद कर देता था। पुलिस ने ट्रेसआउट कर उसे गिरफ्तार किया।
लोगों को आपातकालीन सेवा उपलब्ध कराने के लिए पुलिस विभाग ने डॉयल 112 सेवा शुरू की है। कुछ लोग इसे शरारत करने का सामान समझ रहे हैं। ऐसे लोग फर्जी सूचना देकर पुलिस को परेशान करते हैं। उनके खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने से अब ऐसे कॉल करने वालों में कमी आई है। -धमेंद्र गर्ग, एसपी-डॉयल 112