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चिंगरा पगार वाटरफाल देखने अब सैलानियों को जाना होगा पैदल, एक दिन हो सकता है बंद

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम,गरियाबंद। नेशनल हाइवे 130 सी से लगे हुए ग्राम पंचायत बारुका के अंतर्गत आने वाले चिंगरा पगार वाटर फाल में रविवार 23 जुलाई को हुई घटना के दूसरे दिन गरियाबंद जिले के कई वरिष्ट अधिकारियों ने मौके पर जाकर क्षेत्र का जायजा लिया। इस दौरान बारूका ग्राम के सरपंच छत्रपाल कुंजाम और स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि क्योंकि वाटरफाल वन विभाग के अंतर्गत आता है, इसलिए वन विभाग यहां की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें। ताकि अव्यवस्था का माहौल ना बने। इसलिए अब यहां पहुंच रहे सैलानियों को पैदल ही जाना होगा। यानी अब नेशनल हाईवे के किनारे वाहन पार्किंग करके लोगों को लगभग चार किलोमीटर अंदर चलकर जाना ही जाना पड़ेगा। हम धीरे-धीरे व्यवस्थाओं को और बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं कुछ समय सैलानियों को कठिनाई हो सकती है लेकिन जल्द ही व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लिया जाएगा

सैकड़ों की संख्या में सैलानी उस पर फंस गए थे

ज्ञात हो कि रविवार दिन भर हुई रुक-रुक कर बारिश के बाद देर शाम चिंगरा पगार वाटरफाल से लगभग एक डेढ़ किलोमीटर पूर्व में स्थित नाले में बाढ़ का पानी आ जाने के चलते सैकड़ों की संख्या में सैलानी उस पर फंस गए थे, जिसके बाद वन विभाग और पुलिस विभाग की टीम ने मिलकर देर रात तक सैलानियों का रेस्क्यू कर ने निकाला था। गरियाबंद थाना प्रभारी राकेश मिश्रा ने बताया कि छुट्टियों के दिन आने वाली भीड़ को अव्यवस्था से बचाने और रविवार को हुआ घटना की दुबारा पुरावृत्ति न हो इसके लिए कई निर्णय लिए गए है ।

एक दिन बंद रह सकता है चिंगरा पगार वाटरफाल

चिंगरा पगार वाटरफॉल व्यवस्था बनाने स्थानीय प्रशासन ने निर्णय लिया कि मंगलवार को एक दिन के लिए बंद रह सकता है। वन विभाग के रेंजर पुष्पेंद्र साहू ने बताया जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौके का जायजा लिया गया है, फिलहाल पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त पहली प्राथमिकता है जिससे जाम की स्थिति न बने मंगलवार एक दिन के लिए वाटरफाल को बंद किया जा सकता है, ताकि आने वाले सैलानियों को पार्किंग व्यवस्था में भी तकलीफ ना हो।

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आय के स्त्रोत बढ़ रहे है

सरपंच स्थानीय ग्रामीणों बोले सैलानी के आने से आय के स्त्रोत बढ़ रहे है । वाटर फाल के रास्ते को बंद करना हल नही व्यवस्था दुरुस्त कराना चाहते है। ग्राम पंचायत बारूका के सरपंच छत्र पाल और स्थानीय ग्राम वासियों ने की रविवार को हुई घटना के बाद कुछ लोग वाटरफॉल को बंद करने की बात कह रहे हैं। मगर चिंगरा पगार वाटरफॉल जाने वाले मार्ग को बंद करने का विरोध जा रहा है। सरपंच और ग्राम वासियों का कहना है कि वाटरफॉल में सैलानियों के आने से हमारे गांव के लोगों के आय में वृद्धि हुई है। इसलिए वाटरफाल को बंद ना कर वन विभाग और स्थानीय प्रशासन यहां पर आम जनों के लिए व्यवस्था बनाए। ताकि सैलानियों और स्थानीय ग्राम वासियों को भी किसी प्रकार की कठिनाई ना हो।

छोटे सवारी वाहन की व्यवस्था से भी मिल सकती है

नेशनल हाईवे से लगभग 3 से 4 किलोमीटर की दूरी में स्थित वाटरफॉल तक पैदल जाने में सैलानियों को समस्या भी हो सकती है। इसको लेकर भी जिला प्रशासन ने स्थानीय ग्राम वासियों और जिला वासियों से चर्चा की है। नेशनल हाईवे से वॉटर फॉल के पहले पड़ने वाले नाले तक छोटे और हल्के सवारी वाहनों का संचालन अगर कोई करना चाहे। वह स्थानीय प्रशासन से चर्चा करके शुरू कर सकता है ताकि सैलानियों को ज्यादा तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ेगा।

सिटी कोतवाली थाना प्रभारी राकेश मिश्रा ने बताया कि गरियाबंद चिंगरा पगार में आज वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर मौके का जायजा लिया। वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। जिससे आने जाने वालों को तकलीफ का सामना ना करना पड़े। गरियाबंद रेंजर पुष्पेंद्र साहू का कहना है कि मंगलवार को एक दिन के लिए पार्किंग व्यवस्था और दूसरी व्यवस्थाओं के लिए वाटरफाल को बंद किया जा सकता है। अब सैलानियों को नेशनल हाईवे से नाले तक पैदल आना पड़ेगा।

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