शहर में आजकल लोगों के पास लुभावने मैसेज आ रहे हैं, जिसमें फोन पर डिस्काउंट देने या गिफ्ट निकलने की बात कही जा रही है। जालसाज मोबाइल और ई-मेल पर लिंक भेजकर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। गिफ्ट के लालच में आकर लोग भी लिंक को खोलकर उसमें पूछी गई जानकारी भर रहे हैं।
यह गलती जालसाजों के लिए बैंक अकाउंट में सेंध मारने के लिए काफी है। हैकर्स अब कार्डिंग के जरिए डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जानकारी पूछकर खातों से पैसे निकाल रहे हैं। साइबर विशेषज्ञों की माने तो मैसेज के लालच में अपनी जमा पूंजी गंवा रहे हैं।
डार्क मार्केट में बेची जा रही है कार्ड की डिटेल
विशेषज्ञों का कहना है कि लिंक पर क्लिक करके व्यक्ति अपने कार्ड का पूरी जानकारी भर देते हैं। जलासाज के पास लोगों के कार्ड का पूरा डाटा एकत्रित हो जाता है। यह डाटा बदमाश डॉर्क मार्केट में बेच देते हैं। इसके बाद विदेश में बैठा ठग भी देश में ठगी की वारदात को अंजाम दे सकता है।
लोगों को यों फंसाते है अपराधी: यूजर के किसी भी प्लेटफार्म चाहे वो वॉट्सएप हो, फेसबुक या इंस्टाग्राम हो, हैकर्स यूजर के किसी एक प्लेटफार्म को चुनता है और स्मार्टफोन या गिफ्ट वाउचर का लुभावना लिंक मैसेज करता है। बदमाश इस दौरान अपना बैंक अकाउंट नहीं देकर पेटीएम नंबर देता है। जाल में फंसने के बाद यूजर को पेटीएम में पैसे डालने को कहता है। पैसे डालते ही आपको फेक डिस्पेच नंबर भी देता है, लेकिन गिफ्ट कभी नहीं आता है।
इस कार्डिंग तरीके में बदमाश यूजर को फोटो सहित एक लिंक सेंड करता है, जिसमें लिखा होता ये प्रोडक्ट आज भारी डिस्काउंट पर पा सकते हैं। आप डेबिट कार्ड से खरीदेंगे तो और ज्यादा डिस्काउंट मिलेगा। यूजर इस लालच में आ जाता है और अपने कार्ड और क्रेडिट कार्ड की इंफार्मेशन उनक प्लेटफार्म पर दे बैठते है। इंफार्मेशन मिलने के बाद आसानी से खोते से पैसे निकाले जाते हैं।
- साइबर ठगों से ऐसे रहें सावधान
- अपने सभी कार्ड अपडेट करवाएं।
- किसी को भी अपना कार्ड नक दे और न ही फोटो खींचकर सेंड करें।
- ऑनलाइन लालच में न पड़ें।
- किसी भी लिंक में अपनी कार्ड इंफॉर्मेशन न दें।
- कई फेक ऑर्डर फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी उपलब्ध है। इनसे बचें।