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अपनें अंडे को पारस पत्थर से तोड़ती है यह पक्षी, जानें इसके और भी रोचक तथ्य…

टिटहरी मध्यम आकार के जलचर पक्षी होते हैं, जिनका सिर गोल, गर्दन व चोंच छोटी और पैर लंबे होते हैं। यह प्राय: जलाशयों के समीप रहती है। इसे कुररी भी कहते हैं। नर अपनी मादा को हवाई करतबों से रिझाता है, जिनमें उड़ान के बीच में द्रुत चढ़ाव, पलटे और चक्कर होते है। यह तेज़ चक्करों, हिचकोलों और लुढ़कन भरी उड़ान है, जिसमें कुछ अंतराल पर पंख फड़फड़ाने की ऊंची ध्वनि दूर तक सुनाई देती है। ये धरती पर मामूली सा खोदकर अथवा थोड़े से कंकरों और बालू से घिरे गढ्डे में घोंसला बनाते हैं। इनका प्रजनन बरसात के समय मार्च से अगस्त के दौरान होता है।
टिटहरी एक प्रवासी पक्षी है। यह उथले पानी और कीचड़ वाली जगहों पर पायी जाती है। टिटहरी अपनी चोंच और अंडों के कारण प्रशिद्ध है। आइये इस आर्टिकल में टिटहरी से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारें में जानते हैं।
टिटहरी के कुछ आश्चर्यजनक रोचक तथ्य
टिटहरी पक्षी सिर्फ दिन में ही अपना भोजन तलाश करती हैं। बाकी रात में वह आराम करती है।
टिटहरी प्रजनन के समय प्रवास करती है। यह यूरोप और एशिया में पायी जाती है।
यह अपना घोसला पानी के किनारे कीचड़ में बनाती है।
टिटहरी के चलनें का तरीका बिल्कुल अलग है। यह जब चलती है तो इसका सिर और पूँछ बारी बारी से ऊपर नीचे होता है।
इसको खतरे का आभास होते ही यह जोर जोर से शोर मचाना शुरू कर देती है।
टिटहरी की चोंच बिल्कुल चम्मच जैसी होती है।
प्रजातियों के हिसाब से इनका रंग अलग अलग होता है। पर सभी टिटहरी के पेट का हिस्सा सफेद होता है।
ऐसा माना जाता है की टिटहरी अपना अंडा बेसकीमती पारस पत्थर से फोड़ती हैं ।
टिटहरी पक्षी लगभग 8 इंच तक लंबी होती हैं।
यह पक्षी मौसम का अनुमान आसानी से लगा लेती है। अगर अधिक बारिश होनें की आशंका होती है तो यह अपना घोसला ऊंची जगह पर बनाती है।

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