अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, उज्जैन। मध्य प्रदेश के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा, जहां धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकाल लोक का लोकार्पण हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंचकर सबसे पहले बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया। इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण भी किया। महाकाल के लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्तिक मेला ग्राउंड पहुंचकर जनसभा को संबोधित किया। सभा में बड़ी संख्या में आम जन नजर आ रहे थे। साथ ही जनसभा में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ राज्यपाल मंगू भाई पटेल, सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कही ये महत्वपूर्ण बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन हर हर महादेव और जय महाकाल के जय घोष के साथ शुरू किया। साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, उज्जैन की पवित्र पुण्य भूमि पर इस अविस्मरणीय कार्यक्रम में उपस्थित देश भर से आए सभी संत गण, सम्माननीय साधु सन्यासी गण, महाकाल के सभी कृपा पात्र श्रद्धालु गण, देवियों और सज्जनों जय महाकाल। उज्जैन की ये ऊर्जा, ये उत्साह, अवंतिका की ये आभा, अद्भुता, ये आनंद, महाकाल की ये महिमा, महाकाल लोक में लौकिक कुछ भी नहीं है। शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है, सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है, अविस्मरणीय है, अविश्वसनीय है। आज महसूस कर रहे हैं, हमारी तपस्या और आस्था से जब महाकाल प्रसन्न होते हैं, तो उनके आशीर्वाद से ऐसे ही भव्य संस्मरण का निर्माण होता है, और महाकाल का आशीर्वाद जब मिलता है, तो काल की रेखाएं मिट जाती है। समय की सीमाएं सिमट जाती है, और अनंत के अवसर स्फृतित हो जाते हैं। अंत से अनंत तक की यात्रा आरंभ हो जाती है, महाकाल लोक की ये भव्यता भी, समय की सीमाओं से परे आने वाले कई पीढ़ियों को अलौकिक दिव्यता के दर्शन कराएगी। भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को ऊर्जा देगी, मैं इस अद्भुत अवसर पर राजाधिराज महाकाल के चरणों में शत शत नमन करता हूं।
नया भारत प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है
इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, हमारे इन तीर्थों ने सदियों से राष्ट्र को संदेश भी दिए हैं, और सामर्थ्य भी दिया है। काशी जैसे हमारे केंद्र, धर्म के साथ-साथ ज्ञान, दर्शन और कला की राजधानी भी रहे हैं। उज्जैन जैसे हमारे स्थान खगोल विज्ञान, एस्ट्रोनॉमी से जुड़े शोध के शीर्ष केंद्र रहे हैं। आज नया भारत जब अपने प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है तो आस्था के साथ – साथ विज्ञान और शोध की परंपरा को भी पुनर्जीवित कर रहा है। आज हम एस्ट्रोनॉमी के क्षेत्र में दुनिया की बड़ी ताकतों के बराबर खड़े हो रहे हैं। आज भारत दूसरे देशों की सेटेलाइट भी स्पेस में लॉन्च कर रहा है। मिशन चंद्रयान और मिशन गगनयान जैसे अभियानों के जरिए भारत आकाश की वो छलांग लगाने के लिए तैयार है, जो हमें नई ऊंचाई देगी।