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Sarva Pitru Amavasya 2022: सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर को, पितरों की मुक्ति के लिए करें विशेष उपाय

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, नई दिल्ली। आश्विन मास की अमावस्या सर्वपितृ अमावस्या होती है। इस दिन पितृपक्ष या श्राद्धपक्ष पखवाड़े का समापन होता है। इस दिन जाने-अनजाने सभी पितरों की शांति के निमित्त तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि कर्म किए जाते हैं। यह दिन उन लोगों के लिए विशेष महत्व का होता है जिन्हें अपने पितरों की मृत्युतिथि ज्ञात नहीं होती है। इसलिए इस दिन उन समस्त पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म किया जाता है। इस बार सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर 2022 रविवार को आ रही है।

सर्वपितृ अमावस्या के दिन हरिद्वार, गयाजी, ब्रह्मकपाली बद्रीनाथ के अलावा गंगा, नर्मदा, यमुना, क्षिप्रा आदि पवित्र नदियों के तट पर पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध करने से पितरों को मुक्ति मिलती है और वे शुभाशीष प्रदान करते हैं। यह दिन पितृदोष के निवारणार्थ पूजन का भी होता है। जिन लोगों पर किसी कारण से पितृदोष रहता है वे इस दिन योग्य ब्राह्मण को बुलाकर पितरों का श्राद्ध करें निश्चितरूप से पितृदोष की शांति होती है।

सर्वपितृ अमावस्या के दिन ज्ञात-अज्ञात पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, दान, श्राद्ध करें। गरीबों, निशक्तों, अपंगों, दृष्टिीहीनों को पितरों के निमित्त खीर खिलाएं, दूध पिलाएं। ब्राह्मणों को सम्मानपूर्वक आमंत्रित कर भोजन करवाएं और यथायोग्य दान-दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त करें। इस दिन गौ, श्वान, काक, चीटी, मछली को भोजन करवाएं। पीपल के वृक्ष को कच्चे दूध, जल और मिश्री डालकर सिंचित करें। विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।