देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था के बीच आरबीआई ने बड़ा फैसला लिया है। आरबीआई ने जीडीपी वृद्धि दर में कटौती कर दी है। केंद्रीय बैंक ने इसे 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया है। इसके साथ ही आरबीआई ने शुक्रवार को अपनी प्रमुख नीतिगत दर में लगातार 5वीं बार कमी की है। आरबीआई ने मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में रेपो दर 25 आधार अंक घटाकर 5.15 प्रतिशत कर दिया है। गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में 6 सदस्यीय एमपीसी की बैठक हुई, जिसमें यह फैसला लिया गया।
आरबीआई के इस फौसले के साथ ही इस साल रेपो दर में कुल कटौती 135 आधार अंक हो गई है। पहले यह दर 5.40 प्रतिशत थी। बताया जा रहा है कि 9 सालों में पहली बार रेपो रेट इतना कम किया गया है। रिवर्स रेपो रेट को 4.90 प्रतिशत कर दिया गया है और बैंक रेट 5.40 प्रतिशत हो गया है।
आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंक, लोन पर ब्याज दर कम सकते हैं। इसका मतलब यह है कि लोगों को जिस दर पर ब्याज चुकाना होता है, वह कम होगी। इसका सीदा असर लोगों पर पड़ेगा। लोगों का ईएमआई अब कम हो सकता है। अगर बैंक ब्याज दरों में कटौती करते हैं तो लोगों को इसका फायदा होगा। जो होम, ऑटो या दूसरी तरह के लोन फ्लोटिंग रेट पर लिए गए हैं, उनकी ईएमआई में भी कमी आएगी।
इससे पहले इसी साल 7 अगस्त को आरबीआई ने ने आम लोगों को राहत दी थी। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में लगातार चौथी बार रेपो रेट में कटौती की घोषणा की गई थी। फैसले के मुताबिक, रेपो रेट को घटाकर 5.40 प्रतिशत कर दिया गया था। आरबीआई ने 35 आधार अंकों की कटौती की गई थी। आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट को 5.15 प्रतिशत किया था।