Rashtriya Ekta Diwas: ‘लौह पुरुष’ सरदार पटेल की जयंती आज, PM मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर दी श्रद्धांजलि
Rashtriya Ekta Diwas: आज स्वतंत्र भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जंयती है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पटेल जंयती को देश ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाता है। पीएम मोदी इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम का हिस्सा भी बनें। मालूम हो कि राष्ट्रीय एकता दिवस पर देश में ‘रन फॉर यूनिटी’ आयोजित किया जाता है। आज के कार्यक्रम में आदिवासी बाल बैंड का विशेष आकर्षण है। इस कार्यक्रम में बीएसएफ और पांच राज्य पुलिस बल पीएम मोदी की उपस्थिति की परेड का हिस्सा बने हैं।
मालूम हो कि साल 2018 में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया था। ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ साल 2014 से पूरे देश में मनाया जाता है। गौरतलब है कि सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 147वीं जयंती है। सरदार वल्लभ भाई पटेल केवल आदर्श व्यक्तित्व नहीं बल्कि एक प्रखर इंसान थे, जिन्होंने देश को एक धागे में पिरोने की भरपूर कोशिश की , इसी वजह से वो ‘लौह पुरुष’ कहलाए, अगर वो नहीं होते तो देश आज एक नहीं होता।
बता दें कि वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को नडियाद के एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने जन्म तो वल्लभ भाई पटेल के रूप में लिया था लेकिन अपने महान कार्यों से वो देश के सरदार वल्लभ भाई पटेल बन गए। मालूम हो कि बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहां की महिलाओं ने उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि दी थी।
सरदार वल्लभ बाई पटेल के अनमोल विचार
- हमने यह महसूस किया है कि यदि हमने विभाजन स्वीकार नहीं किया तो भारत छोटे – छोटे टुकड़ों में विभाजित होकर विनष्ट हो जाएगा।
- शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है, विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं।
- जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमयी छाया से दूर रह सकता है।
- आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए: सरदार वल्लभ भाई पटेल
- मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए।