अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, नई दिल्ली। क्या आप किसी बिजनेस की तलाश में है? अगर हां तो खबर आपके बहुत काम की है। रेलवे लोगों को रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में बिजनेस की पेशकश करेगी। रेलवे ने इसके करीब 78 स्टेशनों पर एक सर्वे किया है। रेलवे का मकसद स्थानीय कारोबार को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही यात्रियों को सफर के दौरान अधिक सुविधाएं देना भी इसमें शामिल है। रेलवे ने इस योजना के लिए अहमदाबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन से हाथ मिलाया है।
कितनी होगी कमाई रेलवे ने जो सर्वे किया है उससे अनुमान लगाया गया है कि एक सामान्य वेंडर एक दिन में करीब पांच हजार रुपए कमा सकेगा। कमाई उससे ज्यादा की भी हो सकती है। ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर एक बार फिर लोग फेरीवालों से सामान खरीद सकेंगे। मगर इसमें एक बहुत बड़ा बदलाव होगा। रेलवे की तरफ से लोकल वेंडरों को ट्रेनों और स्टेशनों पर सामान बेचने की अनुमति देगा।
स्थानीय कारोबार को बढ़ावा रेलवे की इस पहल का मकसद स्थानीय कारोबार को बढ़ावा देना है, मगर इससे बड़े पैमाने पर रोजगार भी पैदा होंगे और आम लोगों के पास कारोबार करने के मौके आएंगे। रेलवे लोकल वेंडरों को डिजाइनर कार्ट और कीओस्क उपलब्ध करवाएगा। यहीं से वे स्टेशनों पर सामान बेचेंगे और पैसा कमाएंगे। वे ये काम ट्रेनों में भी कर सकेंगे।
‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय बजट 2022 में ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ की घोषणा की गई थी, जिसके बाद रेलवे इस पहल की शुरुआत करने जा रहा है। रेलवे हर रेलवे स्टेशन पर एक लोकल प्रोडक्ट को प्रमोट करना चाहता है। ट्रेनों में पहले जो लोग सामान बेचने चढ़ते थे वे गैरकानूनी तरीके से चढ़ते ये काम करते थे। उन चीजों की सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर भी चिंता रहती थी।
नहीं रहेगी स्वच्छता की चिंता रेलवे ने गैर-कानूनी वेंडरों के खिलाफ अभियान चलाया, जिसके नतीजे में ऐसे लोग अब ट्रेनों में कम ही चढ़ कर सामान बेचते हैं। मगर अब होने ये जा रहा है कि इस लोकल कारोबार को आधिकारिक रूप दिया जाएगा। वेंडरों को फूड प्रोडक्ट बेचने का मौका मिलेगा। साथ ही हैंडीक्राफ्ट, घरेलू सामान, सजावट की चीजें और संबंधित स्टेशन से जुड़े यूनीक कपड़े भी बिकेंगे।
कियोस्क किए गए हैं डिजाइन ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर कारोबार के लिए कुछ नियम होंगे। इसके लिए रेलवे से अनुमति लेनी होगी। दूसरे रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए अहमदाबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन से हाथ मिल कर खास कियोस्क ऑन व्हील्स डिजाइन किए हैं। इनमें विभिन्न कंपार्टमेंट बने होंगे। साथ ही अलग-अलग प्रोडक्ट बेचने के लिए स्टॉल और सामान रखने के लिए स्टोरेज भी मिलेगा। कारोबारियों को डिस्प्ले के लिए भी जगह मिलेगी। मगर आईआरसीटीसी से मान्यता प्राप्त वेंडर इस बिजनेस में आगे बढ़ पाएंगे। यानी आपको रेलवे से संपर्क करना होगा। ध्यान रहे कि प्रत्येक वेंडर को 1,500 रुपये का चार्ज देना होगा। फिर वे 15 दिनों के लिए सामान बेच सकेंगे। फिर वह जगह दूसरे वेंडर को दी जाएगी। ये वेंडर ट्रेन में सफर में भी कर सकेंगे। इससे वे एक स्टेशन तक जाकर अपने उत्पाद बेच सकेंगे।