अरुणाचल प्रदेश में तवांग की घटना के बाद भारत-चीन संबंध एक बार फिर से कठिन दौर से गुजर रहा है। क्योंकि, चीन ने अक्सर भारत के भरोसे को तोड़ने का ही काम किया है। इस बीच भारतीय सेना भी अपनी तैयारियां पुख्ता करने में जुटी हुई है। अब जानकारी मिल रही है कि सेना को स्वदेश में बनी ‘प्रलय’ मिसाइल मिलने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। दुश्मन के पांच सौ किलोमीटर तक के दायरे में यह मिसाइल कभी भी कहर ढा सकती है। सबसे बड़ी बात ये है कि यह मिसाइल हवा में भी चकमा देने में सक्षम है और बीच में ही अपना रास्ता बदलकर नए टारगेट को ध्वस्त कर सकती है।
भारतीय सेना को मिलेगी ‘प्रलय’ मिसाइल
चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव के बीच भारतीय सशस्त्र सेना को अब प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल मिलने जा रही है। चीन के लिए यह खबर तनाव देने वाली हो सकती है, क्योंकि यह मिसाइल 150 से लेकर 500 किलोमीटर तक के इलाके में कहर बरपा सकती है। रक्षा सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा है कि भारतीय सशस्त्र सेना का यह प्रस्ताव एडवांस स्टेज में है और इसी हफ्ते एक उच्च-स्तरीय बैठक में इसे मंजूरी मिल सकती है। यह प्रस्ताव इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह ऐसे समय में आया है, जब भारतीय सेना रॉकेट फोर्स के गठन पर काम कर रही हैं, जिसपर रक्षा मंत्रालय में उच्च स्तर पर चर्चा चलती रही है।
एक साल पहले हुआ था सफल परीक्षण
हाल ही में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा था कि दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत सीमा पर दुश्मनों के दांत खट्टे करने के लिए रॉकेट फोर्स के गठन पर काम कर रहे थे। जहां तक प्रलय मिसाइल की बात है तो पिछले साल दिसंबर में इसका दो बार ओडिशा के तट पर स्थित डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड पर सफल परीक्षण हो चुका है और तब से सेना इसकी खरीद और उसे अपने फोर्स में शामिल किए जाने पर काम कर रही है। प्रलय मिसाइल की मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर तक है और यह सॉलिड प्रोपेलेंट रॉकेट मोटर और कई अन्य नई तकनीकों से सुसज्जित है।
मोबाइल लॉन्चर से भी लॉन्च हो सकता है ‘प्रलय’
इसके अलावा प्रलय मिसाइल की गाइडेंस सिस्टम में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट नेविगेशन एंड इंटिग्रेटेड एवियोनिक्स भी लगे हुए हैं। इस मिसाइल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह इंटरसेप्टर मिसाइलों को रास्ते में ही तबाह कर सकती है। प्रलय एक क्वासी-बैलिस्टिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। सूत्रों का कहना है कि प्रलय मिसाइल कुछ दूरी तक जाने के बाद हवा में ही अपना पथ बदलने में सक्षम है। यानि दुश्मन इससे कभी भी चकमा खा सकते हैं। यह मिसाइल को मोबाइल लॉन्चर से भी दागी जा सकती है।
दुश्मनों के एयर डिफेंस के अड्डों को तबाह करने में सक्षम
सूत्रों का कहना है कि ऐसी मिसाइलें सेना को दुश्मनों के एयर डिफेंस के ठिकानों या उसी तरह के खास और महत्वपूर्ण अड्डों को पूरी तरह से ध्वस्त करने में सक्षम हैं। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के साथ ही प्रलय मिसाइलें देश की सेनाओं के पास सबसे लंबी दूरी की सामरिक हथियार प्रणाली होंगी। बता दें कि लंबी दूरी के सामरिक हथियारों को स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड नियंत्रण करता है।