Pendra : खतरे में संजीवनी दहिमन का पेड़, छत्तीसगढ़ मे है औषधीय गुण की खान |
अनादि न्यूज़ डॉट कॉम रायपुर। Pendra : खतरे में संजीवनी दहिमन का पेड़, छत्तीसगढ़ मे है औषधीय गुण की खान Chhattisgarh में पाया जाने वाला दहिमन का पेड़ खतरे में हैं. ये वृक्ष किसी संजीवनी बूटी से कम नही है. कैंसर, ब्लड प्रेशर, पीलिया और मानसिक रूप से पीडि़त लोगों के लिये ये पेड़ संजीवनी का काम करता है.
दहिमन वृक्ष की सबसे बड़ी पहचान यह है कि अगर इसके पत्ते पर नुकीली चीज से कुछ लिखा जाये तो वह अपने आप उभरकर सामने आ जाता है| यह एक मध्यम आकार का वृक्ष है, जिसे आदिवासियों द्वारा पनकी / दही पलाश, दाई वास, तेजसागुन, शिकारी के नाम से जाना जाता है।
दहिमन क्यों लगाएँ, इसके मुख्य फायदे क्या है?
1- कैंसर रोग का उपचार (पत्ते अथवा छाल का जूस)
2- किड़नी में सूजन और पाचन संबंधी रोग का उपचार (छाल का जूस)
3- सर्पदंश और ज़हर खुरानी का उपचार (छाल ल जूस)
4- ब्लडप्रेशर (पत्ते का चूर्ण)
5- मोटापा की उपचार (छाल का जूस अथवा नीबू रस के साथ छिलके का चूर्ण)
6- शराब छुड़ाने के लिए उपयोगी (जूस, पत्ते या छाल)
7- घांव का उपचार (पत्ते का लेप)
8- पीलिया का उपचार (छाल या पत्ते जा जूस या छाल का पावडर)
9- फायदे की अधिक जानकारी के लिए वन्य क्षेत्रों के किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से मिलकर बात करें।
दहिमन के संबंध में मान्यता
1- दहिमन पेड़ के छांव में बैठने से शांति मिलती है।
2- दहिमन पेड़ के छांव में या इसके लकड़ी के टुकड़े/पीढ़वा में बैठकर दारू पीने से नशा कम करता है।