बिहार के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा कि एनपीआर पर गुमराह करने की सियासत हो रही है। मोदी ने कहा कि एनपीआर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने शुरू किया था, उस समय मंत्री रहे लालू प्रसाद चुप क्यों थे।
मोदी ने कहा कि एनपीआर बनाने का काम उस समय शुरू हुआ था, जब लालू प्रसाद तत्कालीन संप्रग सरकार में रेलमंत्री थे। लालू प्रसाद उस समय इतने ताकतवर थे कि राष्ट्रपति कलाम को विदेश दौरे के दौरान आधी रात को जगाकर बिहार विधानसभा को भंग करने के आदेश पर दस्तखत करा लिए गए थे।
उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि जब संप्रग सरकार एनपीआर बनाने पर काम कर रही थी, तब लालू प्रसाद ने इसका विरोध क्यों नहीं किया? अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह स्पष्ट कर चुके हैं कि एनपीआर का एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) से कोई संबंध नहीं है, तब लालू प्रसाद समाज के एक वर्ग को गुमराह कर तनाव फैलाने पर क्यों तुले हैं? उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के गृहमंत्री पी$ चिदंबरम ने कहा था कि एनपीआर के बाद एनआरसी पर काम शुरू होगा, लेकिन तब सरकार में शामिल लालू प्रसाद ने चुप्पी क्यों साधी?
उपमुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा, ”एनपीआर बनाने के दौरान जब किसी से न कोई दस्तावेज मांगा जाना है, न पहचान का प्रमाण देना है, तब लालू प्रसाद और कांग्रेस के लोग इसका हौव्वा खड़ा कर वोटबैंक की राजनीति क्यों कर रहे हैं? अगर विकास की योजनाएं बनाने के लिए जनसंख्या रजिस्टर बनाना संप्रग सरकार के समय सही था, तब यही काम एनडीए सरकार के समय गलत क्यों बताया जा रहा है?” उन्होंने कहा कि दरअसल, लालू प्रसाद को विकास नहीं, सिर्फ समाज को बांटकर सत्ता पाने वाली राजनीति पसंद है।