अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, जबलपुर। मूसलाधार बारिश के लिए तरस रहे महाकौशल अंचल में जब सिलसिला शुरू हुआ तो अब बारिश मुसीबत बनती जा रही है। जबलपुर संभाग के कई जिलों की नदियां उफान पर हैं। वही नर्मदा के बरगी बांध के 13 गेट खुलने के बाद तटीय इलाके जलमग्न हो गए है। जबलपुर से लेकर नरसिंहपुर, होशंगाबाद, सीहोर, खंडवा जिले तक इसका असर हैं। डैम में पानी की आवक जारी है और बांध प्रबंधन ने अलर्ट जारी किया है।
मंडला, डिंडौरी, बालाघाट, छिंदवाड़ा जिले में बारिश:
जबलपुर संभाग में पिछले तीन-चार दिनों से बारिश का दौर जारी हैं। संभाग के कई हिस्सों में भले ही रुक-रूककर बारिश हो रही है, लेकिन तेज बारिश की वजह से नदी नाले उफना गए हैं। सड़क मार्ग के कई पुल डूब गए है, जिससे आवागमन बाधित हो गया है। बालाघाट जिले के कई गांव भीषण बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। यहां मानकुंवर नदी का पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। भीमगढ़ बांध का जल स्तर बढ़ने से डैम के गेट खोलना पड़े।
नैनपुर थावर नदी का पुल टूटने की कगार पर:
लगातार बारिश की वजह से नैनपुर सिवनी मार्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सड़क बहने लगी है और पुल क्षतिग्रस्त होता जा रहा है। इस वजह से यहां सड़क यातयात रोक दिया गया है। दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारे लगी हुई। प्रशासन ने यहां ग्रामीणों को पुल का उपयोग न करने की सलाह दी है। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस के जवान भी तैनात किए गए है, ताकि क्षतिग्रस्त होते जा रहे ब्रिज से कोई निकल न सकें।
बरगी डैम के 13 गेट खुले:
रविवार की दोपहर जबलपुर के बरगी डैम के 13 गेट खोले गए थे। लगातार आसपास के जिलों में हो रही बारिश के कारण के बांध का जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा था। जिसके बाद बांध प्रबंधन ने 13 गेट 1.60 मीटर की ऊंचाई तक खोल दिए। 13 स्पिल वे गेट से करीब 1 लाख 06 हजार क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकेंड) पानी की निकासी रही है । प्रबंधन का कहना है कि गेट की ऊंचाई कम ज्यादा करने का निर्णय आज शाम को लिया जाएगा।
खंडवा तक नर्मदा के तटीय इलाके जलमग्न:
नर्मदा के बरगी बांध से हो पानी की निकासी की वजह से आगे खंडवा तक छोटे-बड़े बांधों का जलस्तर भी बढ़ गया। उन इलाकों में भी लगातार बारिश का दौर जारी है, जिससे कैचमेंट एरिया का पानी प्रवेश कर रहा है। कई और बांध के गेट खोले गए है, जिससे तटीय इलाके जलमग्न हो गए है। छोटे गांवों में बाढ़ के हालात है। मुख्य मार्गों के पुल के कई फीट ऊपर तक पानी का बहाव है।
जान जोखिम में डाल रहे लोग:
बाढ़ की डराने वाली कई तस्वीरों के बीच लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हुए भी दिख रहे है। प्रशासन की रोक के बाबजूद कुछ जगहों पर जबरदस्ती वाहन निकल रहे है। इसके साथ ही सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को हो रही है, जिन्हें ग्रामीण इलाके से शहर की ओर हॉस्पिटल इलाज के लिए जाना है। सड़क मार्ग का संपर्क टूटने की वजह से मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है।
मौसम विभाग का अलर्ट:
मौसम विभाग ने मप्र के कई संभाग में अभी बारिश का दौर जारी रहने के संकेत दिए है। भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर संभाग में अगले 24 घंटों में भी तेज बारिश की ही संभावना जताई गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन नजर बनाए रखे हुए। पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा रहा। वही नर्मदा के तटीय इलाकों के आसपास लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। मौसम विभाग का कहना है कि दो तीन दिन बाद महाकौशल अंचल के कुछ हिस्सों में बारिश थमने की भी संभावना है।