राजधानी भोपाल में स्थित मध्य प्रदेश विधानसभा में गुरुवार से शुरू हुआ हंगामा आज भी जारी रहा। कांग्रेस ने आज विधानसभा सचिवालय में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया। इसके बाद प्रश्नकाल के दौरान हंगामा जारी रहा। जिसके चलते प्रश्नकाल स्थगित करना पड़ा। सदन में नियमों की किताब उछालने को लेकर भी कांग्रेस विधायकों ने गर्भ गृह में आकर हंगामा किया। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव की कॉपी पर कमलनाथ और कई विपक्षी विधायकों के हस्ताक्षर ही नहीं हैं। कांग्रेस के स्वयंभू कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी को पार्टी अध्यक्ष कमलनाथ का ही समर्थन नहीं है।
अविश्वास प्रस्ताव पर 49 विधायकों के हस्ताक्षर
मध्यप्रदेश विधानसभा में आज कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ दिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा वेल में कांग्रेस विधायकों की ओर किताब फेंके जाने को लेकर कांग्रेस के विधायकों ने जमकर शोर-शराबा किया और गर्भग्रह में आकर नारेबाजी की। कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष गिरीश गौतम के प्रति अविश्वास प्रकट करते हुए उन्हें पद से हटाने के लिए विधानसभा सचिव एपी सिंह को शुक्रवार को संकल्प की सूचना दी हैं। इसमें नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह सहित 49 विधायकों के हस्ताक्षर हैं।
नैतिकता के आधार पर छोड़े कुर्सी:
सज्जन सिंह वर्मा कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने अध्यक्ष से कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होती है जब स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है। आपको तो नैतिकता के आधार पर कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। कांग्रेस के हंगामे के चलते प्रश्नकाल स्थगित करना पड़ा प्रश्नकाल के बाद विधानसभा की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि नरोत्तम मिश्रा का व्यवहार अमर्यादित था, इसलिए उन्हें निलंबित किया जाए। सजन में बढ़ते हंगामे के बीच अध्यक्ष ने विधानसभा की शेष कार्रवाई निपटा ते हुए विधानसभा की कार्यवाही 13 मार्च सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
हाथ से फसली किताब:
संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा मध्यप्रदेश के गृहमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पुस्तक फेंके जाने को लेकर मीडिया से चर्चा में सफाई दी उनका कहना था कि उन्होंने पुस्तक है कि नहीं उनके हाथ से पुस्तक स्लिप हो गई थी। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने विशेषाधिकार का हनन का प्रस्ताव लाने की बात कही है। इस पर मिश्रा ने कहा कि वे हमारे नेता है, उनका स्वागत है। लेकिन यह गलती मैंने जानबूझकर नहीं की। मिश्रा ने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव गुटबाजी और फूट में उलझ कर रह गया है। हालत यह कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ नेता कमलनाथ केस में हस्ताक्षर नहीं है। इस प्रस्ताव में आधे विधायकों ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। बिना तैयारियों का यह विश्वास लाया गया है। कांग्रेस आज भी बिना मुद्दे की बात पर हंगामा कर रही है। ना किसानों की चर्चा है, ना महिलाओं की और ना विकास की चर्चा है।