Margashirsha Purnima 2022: चाहिए धन-वैभव तो आज करें कृष्ण, विष्णु और मां लक्ष्मी की आरती
Margashirsha Purnima 2022 Aarti ( कृष्ण, विष्णु और मां लक्ष्मी की आरती) : मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीकृष्ण , मां लक्ष्मी और श्री विष्णु जी , तीनों की आरती होनी चाहिए, ऐसा करने से इंसान का आर्थिक कष्ट तो कम होता ही है उसे सुख-चैन की भी प्राप्ति होती है। आपको इस पेज पर मिलेगी तीनों भगवान की आरती। पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये आरती, देखिएगा जीवन से सारी परेशानियों का अंत हो जाएगा।
श्री कृष्ण की आरती
- आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
- आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
- गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला श्रवण में कुण्डल झलकाला,
- नंद के आनंद नंदलाला गगन सम अंग कांति काली,
- राधिका चमक रही आली लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक,
- कस्तूरी तिलक चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की,
- श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की, आरती कुंजबिहारी की…॥
- कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं। गगन सों सुमन रासि बरसै, बजे मुरचंग,
- मधुर मिरदंग ग्वालिन संग। अतुल रति गोप कुमारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥ ॥
- आरती कुंजबिहारी की…॥ जहां ते प्रकट भई गंगा, सकल मन हारिणि श्री गंगा।
- स्मरन ते होत मोह भंगा, बसी शिव सीस। जटा के बीच,
- हरै अघ कीच, चरन छवि श्रीबनवारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
- ॥ आरती कुंजबिहारी की…॥ चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
- बज रही वृंदावन बेनू चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू हंसत मृदु मंद,
- चांदनी चंद, कटत भव फंद। टेर सुन दीन दुखारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
- ॥ आरती कुंजबिहारी की…॥ आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
- ॥ आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
- मां लक्ष्मी की आरती
लक्ष्मी जी की आरती
- ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता
- ।।ॐ जय लक्ष्मी माता।। उमा रमा ब्रह्माणी तुम ही जगमाता
- मैया तुम ही जगमाता सूर्य चन्द्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता ।।
- ॐ जय लक्ष्मी माता।। दुर्गा रूप निरंजनी सुख सम्पत्ति दाता मैया सुख सम्पत्ति दाता
- जो कोई तुमको ध्यावत ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
- तुम पाताल निवासिनि तुम ही शुभदाता मैया तुम ही शुभदाता कर्मप्रभावप्रकाशिनी भवनिधि की त्राता
- ।।ॐ जय लक्ष्मी माता।। जिस घर में तुम रहती सब सद्गुण आता मैया
- सब सद्गुण आता सब सम्भव हो जाता मन नहीं घबराता
- ।।ॐ जय लक्ष्मी माता।। तुम बिन यज्ञ न होते वस्त्र न कोई पाता
- मैया वस्त्र न कोई पाता खान पान का वैभव सब तुमसे आता
- ।।ॐ जय लक्ष्मी माता।। शुभ गुण मन्दिर सुन्दर क्षीरोदधि जाता मैया
- सुन्दर क्षीरोदधि जाता रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता
- ।।ॐ जय लक्ष्मी माता।। महालक्ष्मीजी की आरती जो कोई नर गाता
- मैया जो कोई नर गाता उर आनन्द समाता पाप उतर जाता
- ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता
- ।।ॐ जय लक्ष्मी माता।। ।। मैया जय लक्ष्मी माता।।
श्री विष्णु जी की आरती
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे। भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥ जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का। सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥ मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी। तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥ तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥ पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥ तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता। मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥ तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति। किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥ दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे। अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥ विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा। श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥ तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा। तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥ जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे। कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥