पाकिस्तान की ओर से पिछले हफ्तों में कुछ गांव वालों ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास पहुंचने की कोशिश की है। एलओसी पर मुस्तैद भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें वहां से फौरन लौटने को मजबूर किया है। बार-बार इस तरह की हरकत होने की बात पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के साथ भी उठाई गई है, तब जाकर पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों के लोगों पर लगाम लगा है। वहां मस्जिदों से ऐलान की गई है कि नियंत्रण रेखा की ओर जाने की गलती कतई ना करें। फिलहाल इलाके में हालात स्थिर है, लेकिन सेना और बीएसएफ के जवान हर स्थिति के लिए चौकन्ने हैं।
पाकिस्तानी ग्रामीणों की एलओसी तक पहुंचने की कोशिश नाकाम पाकिस्तान के गांव वालों ने पिछले कुछ समय में मवेशियों को चराने और नदी किनारे से रेत उठाने के बहाने नियंत्रण रेखा तक पहुंचने की कई बार कोशिशें की हैं, जिन्हें भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया है। भारतीय सेना ने ऐसे उपाय किए हैं कि भविष्य में भी यदि पाकिस्तान की ओर से ऐसा कोई तिकड़म होता है तो तत्काल नाकाम कर दिया जाए। ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के फॉर्वर्ड इलाकों में जवानों की तैनाती कर दी गई है और इस मसले को पाकिस्तानी सेना के साथ आधिकारिक तौर पर भी उठाया गया है।
पाकिस्तानी मस्जिदों से ग्रामीणों को दी गई हिदायत सूत्रों के मुताबिक जम्मू कश्मीर की पुंछ की सीमा पर पिछले कुछ हफ्तों में इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं। पाकिस्तानी गांव वाले जैसे ही सीमा को रेखांकित करने वाली नदी के पास पहुंचे उन्हें रोकने के लिए तत्काल उपाय किए गए। जानकारी के मुताबिक जब इसमें दखल दिया गया और इसको लेकर पाकिस्तानी सेना से बात की गई तो ग्रामीणों को उधर से सख्त चेतावनी दी गई कि वे उन इलाकों में फटकने की भी गुस्ताखी न करें। सूत्रों का कहना है की सीमा के उसपार के गांवों में मस्जिदों से ऐलान करके लोगों को हिदायत दी गई कि ऐसी किसी भी हरकत से बाज आएं।
हालात पर भारतीय जवानों की कड़ी नजर जानकारी के मुताबिक फिलहाल इलाके में स्थिति स्थिर है, लेकिन भारतीय सेना उन जगहों की कड़ी निगरानी कर रही है, जहां पाकिस्तान के लोगों ने अपने मवेशियों को चराने और रेत उठाने के बहाने पहुंचने की कोशिश की थी। घुसपैठ और हथियारों एवं मादक द्रव्यों की तस्करी रोकने के लिए पूरे नियंत्रण रेखा (LoC) पर बाड़ लगाई जा चुकी है। हालांकि,यह बाड़ भारतीय सीमा के अंदर ही लगाए गए हैं, ताकि वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए किसी तरह के निर्माण में कोई दिक्कत न आए।
पाकिस्तान की हर गतिविधि पर ध्यान देना जरूरी जिन इलाकों में सीमा पूरी तरह से परिभाषित है, वहां सेना के साथ-साथ सीमा सुरक्षा बल के भी कई पोस्ट मौजूद हैं, जिनसे सीमा-पार की हरकतों पर नजर रखी जाती है। यहां पर मौजूद जवान घुसपैठियों के साथ-साथ पाकिस्तान की बॉर्डर ऐक्शन टीम की गतिविधियों पर भी नजर रखते हैं, जो आतंकवादियों और पाकिस्तानी सेना के जवानों के गठबंधन से तैयार संगठन है, जिसे भारत में अधिकतम तबाही के लिए ही खड़ा किया गया है।
आतंकवादियों और घुसपैठियों का बना रहता है खतरा हर साल सर्दी के मौसम में पुंछ से लेकर कठुआ तक आतंकवादियों और तस्करों की ओर से घुसपैठ की कोशिशें तेज हो जाती हैं। जिनके पीछे पाकिस्तानी सेना का औपचारिक-अनौपचारिक समर्थन रहता है। वैसे ताजा मामले में सूचना यही है कि पाकिस्तानियों की कोशिश मवेशियों को चराने और रेत उठाने की थी, लेकिन इतिहास देखें तो कश्मीर में पाकिस्तानी सेना ने कबाइलियों के बहाने ही आक्रमण की कोशिश की थी।