Kamika Ekadashi 2022: कब रखा जाएगा कामिका एकादशी का व्रत, जानें तिथि-पूजा विधि और पौराणिक कथा
संदीप गौतम, अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, धर्म दर्शन। सावन माह (Sawan Month) की कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) व्रत 24 जुलाई दिन रविवार को है। एकादशी तिथि 23 जुलाई शनिवार को दिन में 11:27 बजे से लग जाएगी और यह 24 जुलाई को दोपहर 01:45 बजे तक रहेगी। इस दिन वृद्धि योग और ध्रुव योग के साथ द्विपुष्कर योग भी बना हुआ है। वृद्धि योग में किए गए कार्यों में वृद्धि होती है, जो भी आप पुण्य फल अर्जित करेंगे, उसमें वृद्धि होगी।
कामिका एकादशी व्रत का पारण 25 जुलाई को सुबह 05:38 बजे से लेकर सुबह 08:22 बजे के बीच कभी भी किया जा सकता है। काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, कामिका एकादशी व्रत रखने से ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति मिलती है।
तीर्थों में स्नान के बराबर पुण्य लाभ मिलता है और कामिका एकादशी व्रत कथा सुनने से पाप नष्ट होते हैं तथा मृत्यु बाद विष्णु लोक में स्थान मिलता है. हालांकि इस व्रत को करने में कई बातों का ध्यान रखना होता है। यदि आप नियमपूर्वक इस व्रत को नहीं करते हैं, तो व्रत का फल प्राप्त नहीं होगा।
कामिका एकादशी व्रत में किन गलतियों को नहीं करना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- कामिका एकादशी व्रत रखने के एक दिन पूर्व से मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए. यदि व्रत रखना है तो एक दिन पहले से ही मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज आदि को छोड़ देना चाहिए।
- कामिका एकादशी व्रत के दिन विष्णु पूजा के समय व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए. व्रत कथा पढ़ने या सुनने से पाप नष्ट होते हैं और व्रत का महत्व भी पता चलता है।
- इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा के समय दो वस्तुएं कभी न भूलें. एक पंचामृत और दूसरा तुलसी के पत्ते. विष्णु पूजा में ये दोनों ही वस्तुएं आवश्यक हैं. तुलसी के पत्ते से श्रीहरि अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
- कामिका एकादशी व्रत की शाम को भगवान विष्णु के समक्ष दीपक जलाना न भूलें. दीपक जलाने से पितरों को स्वर्ग लोक में अमृतपान का अवसर प्राप्त होता है और स्वयं को मृत्यु के बाद सूर्य लोक में स्थान प्राप्त होता है।
- एकादशी व्रत के दिन साबुन, तेल, शैंपू आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए. महिलाओं को इस दिन बाल धोने से बचना चाहिए. वैसे ही घर के पुरुषों को दाढ़ी, बाल, नाखून आदि नहीं काटना चाहिए।
- व्रत के दिन चावल, बैंगन, मसूर की दाल आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. घर में झाड़ू लगाने से बचना चाहिए।
- इन बातों के अलावा उन सभी व्रत नियमों का पालन करना चाहिए, जो अन्य एकादशी व्रतों में करते हैं।
कामिका एकादशी पूजा मुहूर्त:
- एकादशी तिथि आरंभ– शनिवार 23 जुलाई 2022 सुबह 11:27 से
- एकादशी तिथि समाप्त: रविवार 24 जुलाई 2022 दोपहर 01:45 तक
- कामिका एकादशी व्रत- उदयातिथि के अनुसार 24 जुलाई एकादशी का व्रत मान्य होगा
- एकादशी व्रत पारण: सोमवार 25 जुलाई 2022 सुबह 05:38 से 08:22
कामिका एकादशी व्रत कथा:
पौराणिक कथा के अनुसार, एक गांव में वीर छत्रिय रहता था जोकि नेक दिल का व्यक्ति था। लेकिन स्वभाव में बहुत क्रोधित था। इसी कारण आए दिन उसकी किसी ने किसी के साथ हाथापाई हो जाती थी। क्रोधित स्वभाव के कारण ही एक दिन क्षत्रिय की लड़ाई एक ब्राह्मण से हो गई। क्षत्रिय अपने क्रोध पर नियंत्रण नहीं कर सका और उसने हाथापाई के दौरान एक ब्राह्मण की हत्या कर दी। इस कारण क्षत्रिय पर ब्राह्मण हत्या का दोष लगा।
क्षत्रिय को अपनी गलती का अहसास हुआ और इसका प्रायश्चित करने के लिए उसने ब्राह्मण के दाह संस्कार में शामिल होना चाहा। लेकिन पंडितों ने उसे ब्राह्मण की क्रिया में शामिल होने से मना कर दिया। ब्राह्मणों ने क्षत्रिय से कहा कि तुम ब्राह्मण की हत्या के दोषी हो। इस कारण उसे धार्मिक और सामाजिक कार्यों से भी बहिष्कार कर दिया गया।
इन सभी कारणों से परेशान होकर क्षत्रिय ने ब्राह्मणों से पूछा कि कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे मैं इस दोष से मुक्त हो सकूं। तब ब्राह्मणों ने क्षत्रिय को कामिका एकादशी व्रत के बारे में बताया। पहलवान ने सावन माह की कामिका एकादशी का व्रत रखा और विधि विधान से इसका पालन किया। एक दिन क्षत्रिय को नींद में भगवान श्री हरि विष्णु के दर्शन हुए। भगवान विष्णु ने क्षत्रिय से कहा कि तुम्हें पापों से मुक्ति मिल गई है। इस घटना के बाद से ही कामिका एकादशी का व्रत रखा जाने लगा।
कामिका एकादशी व्रत कथा का महत्व:
कामिका एकादशी की पूजा में कामिका एकादशी की व्रत कथा जरूर पढ़ें या सुनें। तभी व्रत संपन्न माना जाता है और इसके फल की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि कामिका एकादशी व्रत कथा का पाठ करने से वाजपेय यज्ञ के सामन फल की प्राप्ति होती है और इस व्रत रखने से व्यक्ति को उसके पापों से मुक्ति मिलती है।