Horoscope Today 8 August 2022: सावन के आखिरी सोमवार पर सभी राशियों का जानें आज का राशिफल
|| जय श्री राधे ||
महर्षि पाराशर पंचांग
अथ पंचांगम्
ll जय श्री राधे ll
दिनाँक:- 08/08/2022, सोमवार
एकादशी, शुक्ल पक्ष,
श्रावण
(समाप्ति काल)
तिथि——– एकादशी 21:00:00 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र———– ज्येष्ठा 14:36:12
योग————– ऐन्द्र 06:53:46
योग———— वैधृति 27:23:04
करण———–वणिज 10:28:40
करण——–विष्टि भद्र 21:00:00
वार————————सोमवार
माह———————– श्रावण
चन्द्र राशि——- वृश्चिक 14:36:12
चन्द्र राशि———————-धनु
सूर्य राशि——————– कर्क
रितु—————————-वर्षा
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर) ———————-नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————— 1944
सूर्योदय————— 05:47:17
सूर्यास्त————— 19:02:04
दिन काल————- 13:14:46
रात्री काल————- 10:45:44
चंद्रोदय————— 15:48:48
चंद्रास्त—————- 26:14:17
लग्न—- कर्क 21°18′ , 111°18′
सूर्य नक्षत्र————— आश्लेषा
चन्द्र नक्षत्र——————- ज्येष्ठा
नक्षत्र पाया——————- ताम्र
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
यी—- ज्येष्ठा 09:07:14
यू—- ज्येष्ठा 14:36:12
ये—- मूल 20:03:30
यो—- मूल 25:29:16
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कर्क 21:12 अश्लेषा , 2 डू
चन्द्र =वृश्चिक 24 °23, ज्येष्ठा, 3 यी
बुध =सिंह 11 ° 07′ मघा ‘ 4 मे
शुक्र=मिथुन 01°05, पुनर्वसु ‘ 4 ही
मंगल=मेष 28°30 ‘ कृतिका ‘ 1 अ
गुरु=मीन 14°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ
शनि=कुम्भ 29°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व) मेष 23°50’ भरणी , 4 लो
केतु=(व) तुला 23°50 विशाखा , 2 तू
🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩
राहू काल 07:27 – 09:06 अशुभ
यम घंटा 10:45 – 12:25 अशुभ
गुली काल 14:04 – 15:43 अशुभ
अभिजित 11:58 – 12:51 शुभ
दूर मुहूर्त 12:51 – 13:44 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:30 – 16:23 अशुभ
🚩गंड मूल अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
अमृत 05:47 – 07:27 शुभ
काल 07:27 – 09:06 अशुभ
शुभ 09:06 – 10:45 शुभ
रोग 10:45 – 12:25 अशुभ
उद्वेग 12:25 – 14:04 अशुभ
चर 14:04 – 15:43 शुभ
लाभ 15:43 – 17:23 शुभ
अमृत 17:23 – 19:02 शुभ
🚩चोघडिया, रात
चर 19:02 – 20:23 शुभ
रोग 20:23 – 21:44 अशुभ
काल 21:44 – 23:04 अशुभ
लाभ 23:04 – 24:25* शुभ
उद्वेग 24:25* – 25:46* अशुभ
शुभ 25:46* – 27:06* शुभ
अमृत 27:06* – 28:27* शुभ
चर 28:27* – 29:48* शुभ
💮होरा, दिन
चन्द्र 05:47 – 06:54
शनि 06:54 – 07:59
बृहस्पति 07:59 – 09:06
मंगल 09:06 – 10:12
सूर्य 10:12 – 11:18
शुक्र 11:18 – 12:25
बुध 12:25 – 13:31
चन्द्र 13:31 – 14:37
शनि 14:37 – 15:43
बृहस्पति 15:43 – 16:50
मंगल 16:50 – 17:56
सूर्य 17:56 – 19:02
🚩होरा, रात
शुक्र 19:02 – 19:56
बुध 19:56 – 20:50
चन्द्र 20:50 – 21:44
शनि 21:44 – 22:37
बृहस्पति 22:37 – 23:31
मंगल 23:31 – 24:25
सूर्य 24:25* – 25:19
शुक्र 25:19* – 26:13
बुध 26:13* – 27:06
चन्द्र 27:06* – 28:00
शनि 28:00* – 28:54
बृहस्पति 28:54* – 29:48
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
कर्क > 03:26 से 05:38 तक
सिंह > 05:38 से 07:48 तक
कन्या > 07:48 से 09:58 तक
तुला > 09:58 से 12:12 तक
वृश्चिक > 12:12 से 14:28 तक
धनु > 14:28 से 16:48 तक
मकर > 16:48 से 18:32 तक
कुम्भ > 18:32 से 20:04 तक
मीन > 20:04 से 20:38 तक
मेष > 20:38 से 11:10 तक
वृषभ > 11:10 से 01:02 तक
मिथुन > 01:02 से 03:26 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
11 + 2 + 1 = 14 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
11 + 11 + 5 = 27 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
प्रातः 10:28 से रात्रि 21:00 तक
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
*पवित्रा एकादशी व्रत (सर्वेषां)
* वन सोमवार
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
अभ्यासाध्दार्यते विद्या कुलं शीलेन धार्यते ।
गुणेन ज्ञायते त्वार्यः कोपो नेत्रेण गम्यते ।।
।। चा o नी o।।
जो वैदिक ज्ञान की निंदा करते है, शास्र्त सम्मत जीवनशैली की मजाक उड़ाते है, शांतीपूर्ण स्वभाव के लोगो की मजाक उड़ाते है, बिना किसी आवश्यकता के दुःख को प्राप्त होते है.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18
कृषिगौरक्ष्यवाणिज्यं वैश्यकर्म स्वभावजम्।,
परिचर्यात्मकं कर्म शूद्रस्यापि स्वभावजम्॥,
खेती, गोपालन और क्रय-विक्रय रूप सत्य व्यवहार (वस्तुओं के खरीदने और बेचने में तौल, नाप और गिनती आदि से कम देना अथवा अधिक लेना एवं वस्तु को बदलकर या एक वस्तु में दूसरी या खराब वस्तु मिलाकर दे देना अथवा अच्छी ले लेना तथा नफा, आढ़त और दलाली ठहराकर उससे अधिक दाम लेना या कम देना तथा झूठ, कपट, चोरी और जबरदस्ती से अथवा अन्य किसी प्रकार से दूसरों के हक को ग्रहण कर लेना इत्यादि दोषों से रहित जो सत्यतापूर्वक पवित्र वस्तुओं का व्यापार है उसका नाम ‘सत्य व्यवहार’ है।,) ये वैश्य के स्वाभाविक कर्म हैं तथा सब वर्णों की सेवा करना शूद्र का भी स्वाभाविक कर्म है॥,44॥,
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। थकान रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। पराक्रम बढ़ेगा। जीवनसाथी से आर्थिक मतभेद हो सकते हैं। कामकाज में आशानुरूप स्थिति बनेगी। संतान के व्यवहार पर नजर रखें।
🐂वृष
आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से लाभ होगा। आपसी विचार-विमर्श लाभप्रद रहेगा। बुरी खबर मिल सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें।
👫मिथुन
मेहनत का फल मिलेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यात्रा सफल रहेगी। धनलाभ होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। वाहन सुख मिलेगा। संपत्ति के लेन-देन में सावधानी बरतें। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। संतान पर ध्यान दें।
🦀कर्क
उत्साहवर्द्धक सूचना मिलेगी। स्वाभिमान बढ़ेगा। पुराने मित्र-संबंधी मिलेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कार्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में विभिन्न बाधाओं से मन अशांत रहेगा। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक तंगी रहेगी। पिछले कार्यों को टालें। पारिवारिक तनाव से मन परेशान रहेगा। व्यापार में हानि हो सकती है। जल्दबाजी व भागदौड़ से कार्य करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएँ।
🐅सिंह
राजकीय सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ होगा। जोखिम बिलकुल न लें। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। व्यापार व नौकरी में हितकारकों की पूर्ण कृपा रहेगी। गृह उपयोगी वस्तुएँ क्रय करेंगे। नए संबंधों के प्रति सतर्क रहें।
🙍♀️कन्या
धैर्य रखें। पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। रुका पैसा मिलेगा। शत्रु आपकी छवि को धूमिल करने का प्रयास करेंगे। अतः सावधान रहें। व्यापार में सफलता मिलेगी। फालतू खर्च होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। कुसंगति से बचें। दूसरों पर भरोसा न करें।
⚖️तुला
रुका हुआ धन प्राप्त होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। पूँजी निवेश बढ़ेगा। साहित्यिक रुचि बढ़ेगी। आर्थिक योग शुभ हैं। यात्रा से व्यापारिक लाभ हो सकता है। सुसंगति से लाभ होगा।
🦂वृश्चिक
योजना फलीभूत होगी। नए अनुबंध होंगे। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी व भागदौड़ से काम करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएँ। अच्छे मित्र से भेंट होगी। पराक्रम की वृद्धि होगी। समाज-परिवार में आदर मिलेगा।
🏹धनु
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। वरिष्ठजनों का सहयोग मिलेगा। कोर्ट व कचहरी के काम बनेंगे। कार्यसिद्धि होगी। आय-व्यय में संतुलन रहेगा। क्रोध पर संयम आवश्यक है। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। धर्म में रुचि बढ़ेगी। नई योजना से लाभ होगा।
🐊मकर
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। व्यापार के विस्तार हेतु किए गए प्रयास सफल होंगे। संतान की ओर से अच्छे समाचार मिलेंगे। दूसरों के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करें। परिवार की चिंता रहेगी।
🍯कुंभ
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। खर्चों में वृद्धि से चिंता होगी। संतान के रोजगार की समस्या का समाधान संभव है। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। कश्मकश दूर होगी। स्वजनों से भेंट होगी।
🐟मीन
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रुभय रहेगा। लाभ होगा। पिछले कार्यों को टालना चाहिए क्योंकि उसमें असफलता का योग है। अनावश्यक विवाद होगा। व्यावसायिक योजनाएँ क्रियान्वित नहीं हो पाएँगी।