अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, दुर्ग। हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड में भ्रष्टाचार के मामले में अब सीबीआई ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। सीबीआई को भिलाई में रेड के दौरान कई महत्वपूर्ण इनपुट मिले हैं। छत्तीसगढ़ में सीबीआई की टीम ने भिलाई में HCL के पूर्व सीएमडी संतोष शर्मा के निवास में शुक्रवार को रेड की कार्रवाई की थी, इस दौरान हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड में हुए धोखाधड़ी एवं भ्रष्टाचार के मामले में कई अहम दस्तावेज मिले हैं। जिसके आधार पर सीबीआई ने HCL के पूर्व सीएमडी समेत 5 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
दो सितम्बर को भिलाई पहुंची थी CBI टीम आपको बता दें कि दो सितंबर को सीएबीआई के दिल्ली और रायपुर ब्रांच के संयुक्त टीम ने भिलाई इस्पात संयंत्र के पूर्व उप महाप्रबंधक प्रोजेक्ट और हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) के पूर्व सीएमडी संतोष शर्मा के भिलाई स्थित तालपुरी, सेक्टर-2, मैत्रीकुंज निवास पर रेड की कार्रवाई की थी। जिससे जांच के दौरान सीबीआई की टीम को को कई अहम दस्तावेज मिले हैं, जिससे यह पता चलता है कि HCL में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है।जिसमें HCL के तत्कालीन सीएमडी कैलाश धर दीवान ने तत्कालीन निदेशक (ऑपरेशन) संतोष शर्मा, तत्कालीन एजीएम विवेक गुप्ता के साथ मिलकर साजिश को अंजाम दिया।
दो सितम्बर को भिलाई पहुंची थी CBI टीम आपको बता दें कि दो सितंबर को सीएबीआई के दिल्ली और रायपुर ब्रांच के संयुक्त टीम ने भिलाई इस्पात संयंत्र के पूर्व उप महाप्रबंधक प्रोजेक्ट और हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) के पूर्व सीएमडी संतोष शर्मा के भिलाई स्थित तालपुरी, सेक्टर-2, मैत्रीकुंज निवास पर रेड की कार्रवाई की थी। जिससे जांच के दौरान सीबीआई की टीम को को कई अहम दस्तावेज मिले हैं, जिससे यह पता चलता है कि HCL में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है।जिसमें HCL के तत्कालीन सीएमडी कैलाश धर दीवान ने तत्कालीन निदेशक (ऑपरेशन) संतोष शर्मा, तत्कालीन एजीएम विवेक गुप्ता के साथ मिलकर साजिश को अंजाम दिया।
इस मामले में फंसे HCL के अधिकारी सीबीआई को HCL में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद प्राथमिक जांच में जानकारी मिली कि तत्कालीन सीएमडी केडी दीवान ने तत्कालीन निदेशक (ऑपरेशन) संतोष शर्मा सहित अन्य तीन अधिकारियों के साथ मिलकर अपने पद और अधिकारों का दुरुपयोग किया। उन्होंने एसटीपीएल चेन्नई को राजस्थान के खेतड़ी कॉपर कॉम्प्लेक्स के पायलट प्लांट में टेलिंग से धातु निकालने के लिए दिए गए टेंडर में गड़बड़ी की है। जांच में यह भी पता चला कि सोने, चांदी और सिलिका जैसी धातुओं की वांछित मात्रा नहीं मिलने से पायलट प्लांट बंद करना पड़ा।
इन बड़े अधिकारियों पर दर्ज हुआ अपराध जानकारी के मुताबिक CBI ने HCL के तत्कालीन सीएमडी कैलाश धर दीवान और पूर्व कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार महाजन, महाप्रबंधक(प्रोजेक्ट) विनय कुमार सिंह, तत्कालीन निदेशक और पूर्व सीएमडी संतोष शर्मा और तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक( इंड्रस्ट्रीयल इंजीनियर) विवेक गुप्ता सहित इसमें संलिप्त अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक कृत्य से जुड़े भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधान के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी CBI सूत्रों के अनुसार भिलाई में BSP के पूर्व उप महाप्रबंधक प्रोजेक्ट और HCL के पूर्व सीएमडी संतोष कुमार शर्मा के निवास पर सीबीआई के अधिकारियों ने छापामार कार्रवाई कर कई अहम दस्तावेजों बरामद किए हैं इन दस्तावेजो के आधार पर ही पांच अधिकारियों पर भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है। इस सभी अधिकारियों की गिरफ्तारी कभी भी की जा सकती है।
संतोष शर्मा के 75 लाख अब भी बाकी इस छानबीन में यह भी पता चला है कि राजस्थान के खेतड़ी प्लांट प्रोजेक्ट से पहले मध्यप्रदेश के मलाजखंड में कमर्शियल प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए एक कंपनी को 200 करोड़ रुपए का टेंडर दिया गया था। संतोष शर्मा ने सीएमडी रहते हुए उस कंपनी को 100 करोड़ का भुगतान कर दिया था। इस पूरे मामले पर जांच सीबीआई कर रही है। यही कारण है कि रिटायर होने के दो साल बाद भी एचसीएल ने संतोष शर्मा की 75 लाख रुपए की राशि रोके हुए है। अभी सन्तोष शर्मा कर्नाटक के एक कम्पनी में कंसलटेंट हैं।