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Good News: दिवाली से पहले इन 17 बैंकों के खाताधारकों को मिलेंगे 5-5 लाख रुपए, जानिए क्या है वजह?

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, नई दिल्ली। रिजर्व बैकं ऑफ इंडिया द्वारा पिछले कुछ समय में कई सहकारी बैंकों का लाइसेंस रद्द किया गया है। इस लिस्ट में 17 को ऑपरेटिव बैंकों के नाम शामिल है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जुलाई महीने में इन 17 बैंकों के जमाकर्ताओं पर निकासी सहित कई प्रतिबंद्ध लगा दिए थे, लेकिन अब लंबे वक्त के बाद इन सहकारी बैंकों के खाताधारकों के लिए बड़ी राहत भरी खबर आई है। इन बैंकों के खाताधारकों को अब 5-5 लाख रुपए की रकम दी जाएगी। दिवाली से पहले ये रकम उनके खाते में आ जाएंगे।

खाताधारकों को मिलेंगे 5-5 लाख:

अगर आपका पैसा इन 17 सहकारी बैंकों में है तो आपको डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन यानी DICGC 5 लाख रुपए देगा। अक्टूबर में 17 सहकारी बैंकों के खाताधारकों के खाते में ये रकम जमा करवाई जाएगी। इस लिस्ट में महाराष्ट्र के 8, उत्तर प्रदेश के 4, कर्नाटक के 2, नई दिल्ली , आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 1-1 बैंक शामिल हैं।

कौन-कौन से बैंक:

आरबीआई ने बैंकों की वित्तीय हालत देखते हुए उनपर पाबंदियां लगाई थी। इस लिस्ट में सहकारी बैंक ,सांगली सहकारी बैंक, रायगढ़ सहकारी बैंक, नासिक जिला गिरना सहकारी बैंक, साईबाबा जनता सहकारी बैंक , अंजनगांव सुरजी नगरी सहकारी बैंक, जयप्रकाश नारायण नगरी सहकारी बैंक और करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेस के अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (सीतापुर), नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (बहरीच) और यूनाइटेड इंडिया कंपनी को-ऑपरेटिव बैंक (नगीना) शामिल है।

17 बैंकों के नाम शामिल:

वहीं इस लिस्ट में कर्नाटक श्री मल्लिकार्जुन पट्टाना सहकारी बैंक नियमिता और श्री शारदा महिला सहकारी बैंक के अलावा नई दिल्ली में रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक, पश्चिम बंगाल का सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक के साथ ही आंध्र प्रदेश का दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक शामिल है।

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क्या कहता है नियम:

बैंक खाताधारकों के हितों की रक्षा करने के लिए DICGC उन्हें बीमा कवर उपलब्ध करवाती है। आपको बता दें कि DICGC आरबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी है। ये बैंक में जमा रकम पर 5 लाख रुपए तक का बीमा कवर उपलब्ध करवाती है। डीआईसीजीसी छोटे ग्राहकों को बैंकिंग सिस्टम पर भरोसा दिलाने में मदद करती है। ये बीमा कवर सभी कमर्शियल बैंकों पर लागू होता है। इस बीमा कवर के भीतर सभी स्थानीय क्षेत्र के बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के साथ-साथ सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारी बैंक भी आते हैं। DICGC खाताधारकों को ये भरोसा दिलाता है कि अगर आपका बैंक डूब भी जाए तो भी खाताधारकों को 5 लाख रुपए की रकम जरूर मिलेगी। यानी बैंक में जमा आपकी जमापूंजी में से कम से कम 5 लाख पूरी तरह से सुरक्षित है।