EPFO Higher Pension : क्या आप 1 सितंबर 2014 से पहले कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में योगदान कर रहे हैं? अगर हां, तो अब आप कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की तरफ से पेश की जा रही उच्च पेंशन के लिए जॉइंट ऑप्शन का उपयोग कर सकते हैं। उच्च पेंशन आवेदन लिंक ईपीएफओ के यूनिफाइड पोर्टल पर उपलब्ध है। पर उच्च पेंशन ऑप्शन की घोषणा के नतीजे में ईपीएफओ ग्राहक कंफ्यूज हो गये हैं कि उन्हें ये विकल्प चुनना चाहिए या नहीं। जॉइंट विकल्प से बचने के कई कारण हो सकते हैं, पर कई ऐसे मजबूत कारण भी हैं जो इस बात पर फोकस करते हैं कि यदि आप पात्र हैं तो आपको उच्च पेंशन का विकल्प चुनना चाहिए।
मिलेगी उच्च पेंशन
अगर कोई 1 सितंबर 2014 से पहले से ईपीएस में योगदान कर रहा है, तो उसके पास रिटायरमेंट के बाद के अपने लिए अधिक पेंशन हासिल करने का वन-टाइम मौका (3 मई तक) है। कैल्कुलेशन के अनुसार पिछले 5 वर्षों में एवरेज बेसिक सैलेरी + महंगाई भत्ता (डीए) 40,000 रुपये पाने वाले व्यक्ति को लगभग 20,000 रुपये की मासिक पेंशन मिल सकती है। एवरेज बेसिक सैलेरी + 1 लाख रुपये के डीए वाले किसी व्यक्ति को ईपीएस के तहत 50,000 रुपये तक पेंशन मिल सकती है।
हर महीने होगी इनकम
आज ऐसा समय है जब किसी चीज की कोई पक्की गारंटी नहीं है। यहां तक कि बैंक एफडी में केवल 5 लाख रुपये की जमा की ही बीमा गारंटी होती है। अलग-अलग बचत योजनाओं के लिए ये लिमिट अलग होती है। शेयर बाजार से जुड़े प्रोडक्ट जैसे स्टॉक और म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर भी जोखिम और अस्थिरता का डर रहता है। पर ईपीएफओ का उच्च पेंशन ऑप्शन इसलिए एक अच्छा मौका है, क्योंकि इसके जरिए आपको गारंटीड पेंशन मिलेगी।
ईपीएफ फंड घटेगा, पर पेंशन बढ़ेगी
जो तर्क उच्च पेंशन ऑप्शन के खिलाफ दिए जाते हैं, उनमें एक है कि इससे कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) फंड में कमी आएगी। हालांकि तब कम ईपीएफ फंड का मतलब उच्च ईपीएस पेंशन होगा। इससे आपको रिटायरमेंट के बाद के जीवन में काफी आसानी। इस फायदे को आप अनदेखा नहीं कर सकते।
कोई जोखिम नहीं
एनपीएस और अन्य ऐसी ही योजनाओं के उलट, जहां मिलने वाला रिटर्न फंड मैनेजर किस तरह निवेश करता है उस पर आधारित होता है, जिसमें जोखिम भी होता है, ईपीएस के तहत आपके फंड पर कोई जोखिम नहीं होता है। आपको आपकी पात्रता के अनुसार मासिक पेंशन और पिछले 5 साल के औसत वेतन का भुगतान किया जाएगा। ईपीएस एक डिफाइंड बेनेफिट स्कीम है। इसका मतलब है कि आपको सबसे खराब समय में भी मासिक पेंशन की गारंटी मिलेगी।
मरने के बाद भी मिलेगी पेंशन
ईपीएस नियमों के तहत ईपीएफओ सदस्य की मृत्यु के बाद भी उसके परिवार को मासिक पेंशन मिलती रहेगी। इसके अलावा, विकलांग बच्चों या आश्रित बच्चों को भी 25 वर्ष की आयु तक पेंशन दी जाएगी। ऐसा हो सकता है कि उच्च पेंशन विकल्प कुछ ग्राहकों के लिए फायदेमंद हो और कुछ के लिए नहीं। इसलिए, आपको उच्च पेंशन विकल्प चुनना चाहिए या नहीं, यह तय करने से पहले आपको खुद अपनी जरूरतों का आकलन करना चाहिए।