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Diwali 2022: छत्तीसगढ़ में बने गोबर के दियों में फिर रौशन होगी दिवाली, इन राज्यों में बढ़ी डिमांड

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, रायपुर। छत्तीसगढ़ में बने गोबर के दीयों की डिमांड इस बार भी बनी हुई है। छत्तीसगढ़ में महिला स्व सहायता समूह द्वारा बनाए जा रहे गोबर के रंगीन दीयों से इस बार भी दिवाली रोशन होगी। इस साल दीपावली पर अपने घरों को इन दिनों से सजाने के लिए गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों से गोबर के दिए मंगाए जा रहे हैं। इसके लिए दुर्ग की महिलाएं खास तौर पर गोबर के दीये तैयार कर रहीं है।

गुजरात और राजस्थान से मिला ऑर्डर

बढ़ रही डिमांड दुर्ग जिले के पुलगांव स्थित गोकुल नगर गौठान में स्व सहायता समूह की महिलाओ को इस फेस्टिव सीजन में गुजरात और राजस्थान से भी बड़ी मात्रा में दीयों की डिमांड मिली है। अन्य राज्यों में दीये भेजने के लिए, गोबर के रंगीन दिए तैयार कर रहीं है। महिलाओं ने अब तक 30 हजार दीये तैयार कर लिए हैं। वहीं महिलाओं को इस बार अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है। स्व सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका मूलक कार्य से जोड़ने गोकुल नगर गौठान में ही शेड उपलब्ध कराया गया है। यहाँ समूह की महिलाएं गोबर के दिये और विभिन्न कलाकृतियां बनाने का काम कर रही हैं।

सुगंधित होंगे गोबर से बने दीये

वातावरण को रखेगा शुद्ध स्वच्छता समूह की महिलाओं का कहना है कि गोबर में मिट्टी की मात्रा मिलाने के साथ-साथ इन गोबर में हवन की सुगंधित सामग्री भी मिलाई जा रही है जिससे यह जलने के साथ-साथ वातावरण को भी सुगंधित बनाएगा। इकोफ्रेंडली गोबर के दीयों को जलने से हवन सामग्री की खुशबू घरों में फैलेगी, इसके साथ साथ इसमें सब्जी बीज के दाने भी मिलाये जा रहें जिसे गार्डन में डालते ही ये पौष्टिक सब्जियां तैयार करेंगी।

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गोबर से बन रहा पेंट

ब्रिक्स और मूर्तियां, देश भर में चर्चा छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के किसानों से गोबर खरीद रही है। किसानों से ₹2 प्रति किलो में गोबर खरीदा जा रहा है। इस बात की चर्चा देश भर में हो रही है। वहीं किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित करने गोबर से बने वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री भी की जा रही है। गोबर से पेंट , ब्रिक्स, मूर्तियां, कलाकृतियां, दीये बनाये जा रहें हैं। इनकी सप्लाई छत्तीसगढ़ के साथ साथ अन्य राज्यों में हो रही है।

पर्यावरण के लिए है अनुकूल

अमेजन पर भी उपलब्ध गोबर से बने उत्पादों को लोगों तक पहुंचाने दुर्ग के बाजारों में स्टॉल लगाए जाएंगे। इसके साथ ही अमेज़न जैसे प्लेटफार्म पर भी इसकी ऑनलाइन सप्लाई की जा रही है। गोबर के दिए बनाकर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं इसके साथ ही लोगों के बीच गौवंश की सेवा संरक्षण का संदेश दे रहीं हैं। महिलाओं का कहना है कि गोबर से बने दीये पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। बल्कि घर के गमलों या बगीचों में खाद के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है