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CM भूपेश बघेल ने घर पर बांधी धान की झालर,जानिए धनतेरस की इस रस्म के बारे में

Bhupesh Baghel Dhanteras मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में दीपावली की सांस्कृतिक परंपरा के अनुरूप आज धनतेरस पर अपने निवास के द्वार पर धान की झालर बांधने की रस्म पूरी की। गौरतलब है कि दीपावली के दौरान खेतों में जब नयी फसल पककर तैयार हो जाती है, तब ग्रामीण धान की नर्म बालियों से कलात्मक झालर तैयार करते हैं। इनसे घरों की सजावट कर वे अपनी सुख और समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्हें पूजन के लिए आमंत्रित करते हैं।

ऐसा लोक विश्वास है कि उनका यह आमंत्रण उन चिड़ियों के माध्यम से देवी तक पहुंचता है, जो धान के दाने चुगने आंगन और द्वार पर उतरती हैं। इस तरह प्रदेश की लोक-संस्कृति अपनी खुशियों को प्रकृति के साथ बांटती है और उसे सहेजती है। छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर सरगुजा तक धान की झालर घर के आंगन और द्वार पर लटकाए जाने की परंपरा है। जिसे पहटा अथवा पिंजरा भी कहा जाता है।

इधर एक संदेश के माध्यम से मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि आम लोगों की जेब में पैसे भरना, उन्हें आर्थिक समृद्ध करना हमारी सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है, ताकि उनके पास पैसे आएं और अर्थव्यवस्था को मिल रही मजबूती से बाजारों की रौनक और बढ़े, जिससे सभी के लिए हर त्यौहार खास बन सके। “नवा छत्तीसगढ़” में छत्तीसगढ़ सरकार किसान, मजदूर, भूमिहीन मजदूर, युवाओं, महिलाओं समेत सभी वर्गों के हित में महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों का क्रियान्वयन कर रही है। बताया गया है कि दीपावली से पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बार फिर लोगों की जेबें भर दी हैं।

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सरकार की तीन महत्वाकांक्षी योजनाओं राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों, गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर विक्रेता ग्रामीणों और पशुपालकों तथा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत हितग्राहियों के खाते में कुल 1866 करोड़ 39 लाख 32 हजार रूपए का ऑनलाईन अंतरण मुख्यमंत्री बघेल ने किया है।