Who is Santa Claus?: ‘क्रिसमस’ का पर्व आशाओं और खुशियों से भरा होता है, ये लोगों के अंदर जोश भर देता है, इस पर्व का इंतजार बच्चे से लेकर बूढ़े तक करते हैं लेकिन इस पर्व का जश्न तब तक अधूरा है, जब तक आप Santa Claus की बात ना करें? , ‘संता क्लॉज’ वो है जो खुशियों की बोरियों में सभी के लिए बहुत सारे गिफ्ट लेकर आता है। कुछ लोग उन्हें ‘सपनों का बाबा’ कहते हैं तो कुछ लोग उन्हें ‘गॉड का देवदूत ‘ भी कहते हैं।
‘फादर क्रिसमस’ Santa Claus के बारे में पहला प्रमाण आज से करीब डेढ़ हजार साल पहले मिलता है, किताबों में संत निकोलस का उल्लेख है, जिन्हें कि लोग बाद में ‘संता’ और ‘फादर क्रिसमस’ कहने लगे थे। ऐसा माना जाता है कि संत निकोलस का जन्म तीसरी सदी में जीसस की मौत के 280 साल बाद मायरा में हुआ था, जिन्होंने मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत काम किया था। वो पहले पादरी थे और बाद में बिशप बने थे। उनका मानना था कि बुराई को केवल नेकी से ही दूर किया जा सकता है। प्रेम ही ईश्वर तक पहुंचने का माध्यम है।
‘सिंटर क्लास’ बना मानव जाति की रक्षा करना ही हर इंसान का कर्तव्य होना चाहिए। वो बच्चों से बहुत प्रेम किया करते थे और लाल रंग की टोपी पहनकर उन्हें गिफ्ट दिया करते थे, वो पादरी थे तो उनका लिबास सफेद होता था। इसलिए लोगों ने ‘संता क्लॉज’ की ड्रेस को रेड और व्हाईट मान लिया। उनका डच में नाम ‘सिंटर क्लास’ था, जिसे लोगों ने बाद में ‘संता क्लॉज’ कर दिया था।
ठंडी जगह पर रहते थे ‘संता क्लॉज’ हालांकि कुछ इतिहासकार ओडिन को भी सांता क्लॉज मानते हैं, उनका कहना है कि वो क्रिसमस पर शिकार के लिए जाते थे और वहां से आने के बाद लोगों को तोहफे बांटते थे, वो बहुत उदार और लोकप्रिय थे इसी वजह से वो ‘संता क्लॉज’ कहलाए, वो ठंडी जगह पर रहते थे इसलिए ‘संता क्लॉज’ को हमेशा बर्फीली जगह से आते दिखाया जाता है, हालांकि इसकी सत्यता के प्रमाण नहीं है।
तोहफे और दुआएं लाता है ‘संता क्लॉज’ अब इतिहास जो कुछ भी कहे लेकिन एक बात पूरी तरह से सही है कि ‘संता क्लॉज’ उस इंसान का नाम है, जो केवल और केवल खुशियां बांटता है, जो ‘जिंगल बेल’ गाते हुए अपने साथ बहुत सारे तोहफे और दुआएं लाता है और लोगों के अंदर ये भरोसा पैदा करता है कि सच में ईश्वर है, जो हमेशा आपके साथ है।