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China-Taiwan के बीच ‘शांति दूत’ बनना चाहते हैं Elon Musk, दो दुश्मनों के सामने रखा बड़ा प्रस्ताव

Elon Musk on China Taiwan conflict: दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क ने पिछले हफ्ते यूक्रेन और रूस के बीच शांति समझौता पर विवादास्पद बयान दिया था, जिसके बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने उनकी जमकर आलोचना की थी, लेकिन लगता है इन दिनों Elon Musk पर शांति दूत बनने का भूत सवार हो रखा है और अब उन्होंने चीन और ताइवान के बीच शांति स्थापित करने का अपना प्रपोजल रखा है।

शांतिदूत बनना चाहते हैं एलन मस्क

अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने पिछले हफ्ते ही कहा था, कि यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में पूर्वी यूक्रेन के उन चार राज्यों में जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए, जिसपर रूस ने कब्जा कर लिया है। एलन मस्क के इस बयान को लेकर यूक्रेन भड़क गया था और एक यूक्रेनी राजदूत ने ट्वीटर पर एलन मस्क को गाली भी दी थी। लेकिन, लगता है इन सब बातों से मस्क को फर्क नहीं पड़ता है, लिहाजा अब उन्होंने चीन ताइवान विवाद पर शांति समझौता करने के लिए बड़ा प्रस्ताव रखा है। लेकिन, एलन मस्क ने जो प्रस्ताव रखा है, उससे चीन काफी खुश होगा और ताइवान में उनका विरोध किया जाएगा। एलन मस्क ने ट्वीट करते हुए कहा है, कि ताइवान तनाव को कम करने के लिए ताइवान का कुछ नियंत्रण चीन को सौंप देना चाहिए और इससे विवाद को हल किया जा सकता है।

एलन मस्क का प्रस्ताव क्या है?

फाइनेंशियल टाइम्स को दिए गये एक इंटरव्यू में एलन मस्क ने बताया कि, “मेरी सिफारिश ये होगी कि ताइवान के के लिए एक स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव क्षेत्र का पता लगाना होगा, जो उचित रूप से अच्छा हो, हालांकि ये शायद सभी को खुश नहीं करेगा”। आपको बता दें कि, एलन मस्क ने यह टिप्पणी उस सवाल पर की है, जब उनसे चीन के बारे में सवाल किया गया था, जहां उनकी कार कंपनी टेस्ला का सबसे बड़ा कारोबार है और चीन के सबसे बड़े औद्योगित शहर शंघाई में एलन मस्क की कार कंपनी टेस्ला का सबसे बड़ा फैक्ट्री है। माना जा रहा है, कि एलन मस्क की ये टिप्पणी चीन को खुश करने के लिए है और अमेरिका की नीति से उलट है। बीजिंग हमेशा से लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान पर अपना दावा करता रहता है और चीन का कहना है, कि ताइवान भी उसका एक प्रांत है, जबकि ताइवान अपने आप को एक संप्रभु देश बताता है।

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चीन ने खा रखी है कसम

चीन ने ताइवान को अपनी मुख्य भूमि में मिलाने की कसम खा रखी है और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी कह चुके हैं, कि ताइवान के खिलाफ सैन्य शक्ति का इस्तेमाल करने की बात से वो इनकार नहीं करते हैं। जबकि, ताइवान की सरकार चीन की संप्रभुता के दावों पर कड़ी आपत्ति जताती है और कहती है, कि केवल द्वीप के 2 करोड़ 30 लाख लोगों के पास ही ताइवान का भविष्य तय करने का अधिकार है। वहीं, एलन मस्क ने कहा कि, ‘ये संभव हो सकता है और मुझे ऐसा वास्तव में लगता है, कि उनके पास एक ऐसी व्यवस्था हो सकती है, जो हांगकांग की तुलना में ज्यादा उदार हो।’ आपको बता दें कि, शंघाई कारखाने में पिछले साल टेस्ला की वैश्विक डिलीवरी का लगभग आधे हिस्से का निर्माण हुआ था। मस्क ने यह भी कहा कि, चीन ने आश्वासन मांगा है कि वह वहां अपनी स्पेसएक्स रॉकेट कंपनी की स्टारलिंक इंटरनेट सेवा की पेशकश नहीं करेगा।

व्यापार में नुकसान की बात मानी

एलन मस्क ने इंटरव्यू के दौरान इस बात को माना, कि ताइवान पर संघर्ष अपरिहार्य था और न केवल टेस्ला के लिए, बल्कि आईफोन निर्माता ऐप्पल इंक और व्यापक अर्थव्यवस्था पर इसके संभावित प्रभाव की चेतावनी दी। हालांकि, इंटरव्यू में उन्होंने अपनी इस टिप्पणी के बारे में विस्तार से नहीं बताया। एलन मस्क अकसर अपने विवादित ट्वीट और बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं और पिछले हफ्ते ही उन्होंने कहा था, कि यूक्रेन संघर्ष खत्म करने के लिए क्रीमिया क्षेत्र को रूस को सौंप देना चाहिए और यूक्रेन के चार प्रांतों में जो रूस ने जनमत संग्रह कराया है, वो जनमत संग्रह संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में होनी चाहिए और जनमत संग्रह के हिसाब से फैसला लिया जाना चाहिए, ताकि यूक्रेन में शांति की स्थापना हो सके।

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