अनादि न्यूज़

सबसे आगे सबसे तेज

छत्तीसगढ़

Chhattisgarh के इस जिले में धंसने लगी जमीन, दहशत में ग्रामीण, खाली कराया गया पूरा इलाका

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के कोयलांचल में एक बड़ा हादसा हो गया है। सूरजपुर जिले के नगर पंचायत भटगांव में अचानक जमीन धसने की घटना सामने आई है। इस हादसे में किसी प्रकार से जानमाल की हानि नही हुई है। लेकिन वहां आंगनबाड़ी केंद्र के ठीक सामने अचानक चार मीटर चौड़ी जमीन धंंस गई। जिससे इलाके में दहशत का माहौल है।

SECL प्रबंधन को बड़े हादसे का इंतजार दरअसल हादसे वाले स्थान पर रोज बच्चे आंगनबाड़ी में आते हैं। इसके साथ ही जमीन धंसने वाली जगह से थोड़ी दूरी पर नगर पंचायत की पानी टंकी है। जहां काफी संख्या में वार्डवासियों की आवाजाही रहती है। ऐसे में यदि हादसा होता तो बड़ा नुकसान हो सकता था। इस घटना के बाद बड़ी संख्या में लोग इसे देखने पहुंच रहे थे। वहीं SECL प्रबंधन अब तक इस क्षेत्र के लोगो के विस्थापन को लेकर कोई व्यवस्था नहीं कर पाया है।

पुलिस व SECL को दी गई सूचना इस घटना के बाद लोगो पुलिस को इसकी सूचना दी जिसके बाद पुलिस ने एरिया को प्रोटेक्ट किया और SECL के माध्यम से जेसीबी मंगाकर इस गड्ढे को भरने के लिए मिट्टी मंगाई गई। पूरे इलाके की फेंसिंग कर भूस्खलन वाले क्षेत्र को दोबारा भरा गया। क्योंकि इस जगह पर लगभग चार मीटर के क्षेत्र की मिट्टी गड्ढे में समा गई। इस घटना मेें किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। लेकिन जमीन धंंसने से इलाके के लोग दहशत में हैं।

SECL की भूमिगत खदाने हैं संचालित आपको बता दें कि नगर पंचायत भटगांव के ईंट भट्टापारा के नीचे एसईसीएल की भूमिगत खदान संचालित थी। यह भटगांव खदान लगभग 25 साल से संचालित थी। 15 साल पहले वार्ड क्रमांक आठ के इस मोहल्ले के नीचे कोयला उत्खनन कर लिया गया है। एसईसीएल प्रबंधन ने 2007 में ही इस इलाके को खाली करवा दिया था। लेकिन लोगों ने फिर से कब्जा कर लिया। मुआवजे का लालच, जान जोखिम में डाल रहे लोग 2007 में प्रबंधन ने इस जगह को खाली करा दिया था। लेकिन बाहरी क्षेत्र से आकर बसे लोगों ने फिर से कब्जा कर लिया।

See also  छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे कल, निर्दलीय के हाथ आ सकती है सत्ता की चाबी...

कब्जा करने वाले भी SECL से मुआवजा और विस्थापन की मांग कर रहे हैं । एसईसीएल प्रबंधन ने कोयला खदान शुरू करते वक्त ईंट भठ्ठा क्षेत्र की भूमि को अधिग्रहीत कर नौकरी और मुआवजा की राशि वितरित कर दी थी। फिर भी विकसित क्षेत्र देख कई बाहरी लोग यहां फिर से अवैध तरीके से बसने लगे और मुआवजे की लालच में नहीं हटे।

विकसित क्षेत्र किया गया था घोषित जब कोयला खदान उत्खनन बंद हुआ। तब इस इलाके को डेवलपमेंट क्षेत्र घोषित कर दिया गया था। बता दें कि वार्ड क्रमांक आठ में प्रशासन द्वारा आंगनबाड़ी समेत कई निर्माण कार्य भी शुरू किया गया है। इतना ही नहीं बोरवेल का उत्खनन भी किया गया है। इधर भूस्खलन की जानकारी के बाद एसईसीएल के अधिकारी और श्रमिक नेता मौके पर पहुंचे और तत्काल सुरक्षा व्यवस्था की।

SECL पर जनप्रतिनिधि लगा रहे आरोप नगर पंचायत अध्यक्ष सूरज गुप्ता का कहना है कि एसईसीएल प्रबंधन यहां के वार्ड वासियों को मुआवजा और विस्थापन के मामले में गंभीर नहीं है। अगर भविष्य में कोई बड़ी दुर्घटना होती है। तो इसनी पूर्ण जिम्मेदारी एसईसीएल प्रबंधन की होगी।