अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, धर्म दर्शन। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में लगभग हर क्षेत्र से संबंधित बातों का जिक्र किया है. इन बातों का पालन करके व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है. आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी की पहले हुआ करती थीं. आचार्य चाणक्य ने इन नीतियों के बल पर एक साधारण से बालक चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाया था. आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में कुछ ऐसे लोगों के बारे में भी जिक्र किया है जिनसे हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए. ऐसा करने पर बाद में पछताना पड़ सकता है। आइए जानें व्यक्ति को कैसे लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
ऐसे लोगों से बनाकर रखें दूरी आचार्य चाणक्य ने अपने एक श्लोक में कुछ ऐसे लोगों के बारे में जिक्र किया है, जिनसे सज्जन व्यक्ति को दूर रहना चाहिए. इनकी संगत में आने से जीवन बर्बाद हो सकता है. नैव पश्यति जन्मान्धः कामान्धो नैव पश्यति। मदोन्मत्ता न पश्यन्ति अर्थी दोषं न पश्यति।। दह्यमानां सुतीव्रेण नीचाः परयशोऽग्निना। अशक्तास्तत्पदं गन्तुं ततो निन्दां प्रकुर्वते।।
स्वार्थी व्यक्ति – आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को स्वार्थी लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. ऐसे लोग किसी की भी परवाह नहीं करते हैं. अपने फायदे के लिए ये किसी को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए इनसे दूर रहें।
वासना में लिप्त व्यक्ति – वासना में लिप्स व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए. ऐसे व्यक्ति पर भरोसा करके व्यक्ति बड़ी समस्या में फंस सकता है. इसलिए ऐसे लोगों से हमेशा दूरी बनाकर रखें. इन लोगों के कारण आपको बदनामी झलनी पड़ सकती है।
ईर्ष्या के लिए – ऐसे लोगों से दूर रहें जो आप से ईर्ष्या करते हों. ऐसे लोग आपको सफलता प्राप्त करते नहीं देख पाते हैं. ये आपको आगे बढ़ने से रोकने के लिए कई बाधाएं खड़ी कर सकते हैं।