ईरान के विदेश मंत्री जावेद ज़ारिफ़ ने बीते सोमवार को मीडिया से खास बातचीत में कहा है कि अगर संपूर्णता में चीज़ों को देखें तो इस्लामिक गणतांत्रिक सभ्यता ईरान और भारत के संबंध टूट नहीं सकते.
इसके साथ ही जावेद ज़ारिफ़ ने कहा कि भारत को अपनी रीढ़ और मज़बूत करनी चाहिए ताकि हमारे ऊपर प्रतिबंधों को लेकर अमरीका के दबाव के सामने झुकने से इनकार कर सके.
इस खास बातचीत में ज़ारिफ़ ने भारत और ईरान के बीच सूफ़ी परंपरा के रिश्तों का भी ज़िक्र किया. ईरानी विदेश मंत्री तेहारन ने कहा कि अमरीकी प्रतिबंधों से पहले उन्हें उम्मीद थी कि भारत ईरान का सबसे बड़ा तेल ख़रीदार देश बनेगा.
विदेश मंत्री जावेद ज़ारिफ़ ने आगे कहा, ”ईरान इस बात को समझता है कि भारत हम पर प्रतिंबध नहीं चाहता है लेकिन इसी तरह वो अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को भी नाराज़ नहीं करना चाहता है. लोग चाहते कुछ और हैं और करना कुछ और पड़ रहा है. यह एक वैश्विक रणनीतिक ग़लती है और इसे दुनिया भर के देश कर रहे हैं. आप ग़लत चीज़ों को जिस हद तक स्वीकार करेंगे और इसका अंत नहीं होगा और इसी ओर बढ़ने पर मजबूर होते रहेंगे. भारत पहले से ही अमरीका के दबाव में ईरान से तेल नहीं ख़रीद रहा है.”