अनादि न्यूज़

सबसे आगे सबसे तेज

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के ऊपर से गुजर रही द्रोणिका, कई जिलों में आज और कल भारी बारिश की चेतावनी…

माैसम में आए बदलाव से बादल में तरह-तरह की आकृति बन रही। मेचका के मुचकुंद ऋषि पर्वत से बादल ऐसे लग रहे हैं मानो वह धरती पर उतर गए हों। नीचे कुछ तालाब और झोपड़ियां नजर आ रहीं। तस्वीर डेढ़ सौ फीट ऊंचाई से ली गई है। मुचकुंद ऋषि पर्वत से प्राकृतिक सुंदरता बरबस अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। दोपहर 3.30 बजे के बाद मौसम फिर से बदला और हल्की बूंदाबांदी का सिलसिला शुरू हुआ। रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, जशपुर, जांजगीर में भी बुधवार को बारिश हुई। बेमौसम बािरश से फसलों के खराब होने की आशंका बढ़ गई है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। वहीं त्योहार के दौरान बारिश का असर प्रदेश के बाजारों में भी दिख रहा है।


रायगढ़ से रायपुर तक बारिश
मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि अरब सागर, बंगाल की खाड़ी वेस्ट सेंट्रल में कम दाब का क्षेत्र बना है। एक द्रोणिका छत्तीसगढ़ से होकर आंध्रप्रदेश की ओर बढ़ रहा है। यह द्रोणिका रायगढ़ से रायपुर तक को कवर कर रहा है। इसके प्रभाव से बस्तर सहित प्रदेश के कई जिलों में आज और कल भारी बारिश की चेतावनी है।

राजनांदगांव में देर शाम हुई हल्की बारिश

राजनांदगांव | शहर में बुधवार देर शाम हल्की बारिश हुई। इससे पहले दिनभर में आंशिक मेघमय के हालात रहे। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी कर कहा कि 24 से 48 घंटों में अनेक स्थानों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। बुधवार को राजनांदगांव में दिन का पारा 29.2 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि रात का पारा 20.5 डिग्री रहा। रात का तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक है। 

See also  CM भूपेश बघेल ने मोदी सरकार से की धान से एथनॉयल बनाने की मांग, बताई ये वजह

बालोद में तेज हवा से झुकी धान की फसल

बालोद | बालोद सहित आसपास के गांवों में दोपहर 3.25 से लेकर देर शाम 7 बजे तक रुक-रुककर बारिश होती रही। तेज हवाओं के कारण धान की फसल झुक गई। इसके बाद हो रही बारिश से खेतों में पानी भर गया है। जिले में 17 अक्टूबर से अब तक 100 मिमी बारिश हो चुकी है। मौसम में बदलाव होने से किसान चिंतित है क्योंकि खेतों में धान की फसल झुक गई है, जिससे नुकसान होगा।

कांकेर में बारिश से रुका सड़क मरम्मत का काम

कांकेर | पिछले एक साल से सड़क की दुर्दशा से जूझ रहे कांकेर शहर को थोड़ी राहत तब मिली जब 15 अक्टूबर को सड़क की मरम्मत शुरू हुई, लेकिन इस पर भी बेमौसम बारिश ने पानी फेर दिया। 15 अक्टूबर काम शुरू होने के बाद से बेमौसम बारिश हो रही है इसलिए मरम्मत का काम रुक गया। इधर शहरवासी चुपके चुपके अपने स्तर पर विरोध जता रहे हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय होने के बावजूद खराब सड़क को अब तक नहीं बनाया जा सका है।