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गुफा के अंदर मिला 40 हजार साल पुराना कंगन, चमक देखकर वैज्ञानिक भी हैरान

साइबेरिया में वैज्ञानिकों ने एक अद्भुत खोज की है। उन्हें एक प्राचीन काल का कंगन मिला है, जो 40 हजार साल पुराना बताया जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अब तक खोजे गए गहनों में सबसे पुराना है, जिसे देखकर वो भी हैरान हैं।

यह कंगन साइबेरिया में स्थित डेनिसोवा गुफा में मिला था, जहां से एक लाख 25 हजार साल पहले विलुप्त हुए जानवरों (जैसे मैमथ) की हड्डियों भी मिली थीं। इस गुफा का नाम डेनिसोवन लोगों के नाम पर रखा गया है, जो मानव की एक रहस्यमयी प्रजाति के तौर पर जाने जाते हैं। यह आनुवंशिक रूप से होमो सैपियन्स और निएंडरथल प्रजाति के मानव दोनों से अलग थे।

डेनिसोवन्स कई मायनों में अद्वितीय थे, जो लगभग 10 लाख साल पहले अन्य मानवीय पूर्वजों से दूर हो गए थे। हाल ही में वैज्ञानिकों को एक डेनिसोवन महिला की उंगली की हड्डी और दांत मिले थे, जिससे यह पता चलता है कि उनमें और निएंडरथल या आधुनिक मनुष्यों में कोई रूपात्मक समानता नहीं थी।

हालांकि हजारों साल बाद और विलुप्त होने से पहले डेनिसोवन्स एक अवधि के लिए आधुनिक मनुष्यों और निएंडरथल के साथ रहे थे। उनके मिले अवशेषों के आनुवांशिक अध्ययन से इस बात की पुष्टि होती है। इसके अलावा कंकाल के अवशेषों से यह भी पता चलता है कि डेनिसोवन्स शायद आधुनिक मनुष्यों की तुलना में कहीं अधिक मजबूत और शक्तिशाली थे और हमारे से अधिक आदिम और पुरातन प्रकार के मनुष्य माने जाते थे।

कंगन की खोज से पता चलता है कि इसे बनाने में शामिल कौशल अपने समय से कम से कम 30,000 साल पहले के तकनीक के स्तर को दर्शाता है। अब तक वैज्ञानिकों का मानना था कि इस तरह के कौशल केवल नवपाषाण काल में मनुष्यों के बीच विकसित हुए थे, जो लगभग 10,000 ईसा पूर्व में शुरू हुआ था।

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जांच में पता चला है कि यह कंगन क्लोराइट नाम के पत्थर से बना है। यह बहुत ही नाजुक है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसे कंगन शायद किसी विशेष व्यक्ति के लिए और विशेष अवसरों पर पहनने के लिए बनाए जाते थे, जैसे कि डेनिसोवन राजकुमारी के लिए।

वैज्ञानिक इस कंगन की चमक देखकर हैरान हैं, क्योंकि तेज धूप में यह सूरज की किरणें पड़ते ही चमकने लगता है और रात में आग की रोशनी में यह हरे रंग की रोशनी बिखेरता है। वैज्ञानिकों को यहां से संगमरमर से बनी एक अंगूठी भी मिली है, लेकिन उन्होंने इसके बारे में अभी तक कोई खुलासा नहीं किया है।