अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, नई दिल्ली: देश में आज सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के वीर जवानों के सम्मान में मनाया जाता है। इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस की बधाई दी।
राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं इस अवसर पर सभी सेवारत, सेवानिवृत सैनिकों और उनके परिजनों को नमन करता हूं। साथ ही उन्होंने उन्हें इस दिवस की हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह दिन हमारे वीर जवानों और पूर्व सैनिकों के अदम्य साहस, त्याग और समर्पण को पहचानने का अवसर है। हमारे सशस्त्र बल हमारे लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच हैं, जो हर परिस्थिति में हमें सुरक्षित करने के लिए तत्पर रहते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि हमारी सेनाएं न केवल बाहरी आक्रमणों से बल्कि प्राकृतिक आपदा के समय भी हमारी सुरक्षा के लिए तैयार रहती हैं। उनका त्याग और अनुशासन प्रत्येक देशवासी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। सशस्त्र सेना झंडा दिवस हमें यह संदेश और साथ ही अवसर भी देता है कि हम सेवानिवृत सैनिकों, उनके परिवार और वीर नारियों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं। सरकार सेवानिवृत सैनिकों, उनके परिवार और उनके बच्चों के कल्याण के लिए हर वह कदम उठा रही है जो कदम उठाने चाहिए। हम उनकी शिक्षा, उनकी चिकित्सा और इसी प्रकार की अन्य जरूरतों की पूर्ति के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं। साथ ही हम देश के नागरिकों से भी यह अपेक्षा करते हैं आप हमारे सैनिकों से जुड़े कल्याणकारी कार्यों को बढ़ावा देने के लिए आगे आएं। आपका छोटा सा भी आर्थिक योगदान हमारे किसी एक सेवानिवृत सैनिक या उनके परिवार के लिए बड़ा महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि समाज कल्याण के लिए नागरिक का यह दायित्व बनता है कि वह सौ हाथों से धन अर्जित करें और हज़ार हाथों से दान करें। उन्होंने लोगों से अपील की कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस निधि में यथाशक्ति अपना योगदान देकर हमारे सैनिकों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें। हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करें कि हम भी हमारे वीर सैनिकों के प्रति समर्पण का वही भाव दिखाएं, जो भाव हमारे सैनिक हम देशवासियों के प्रति रखते हैं।
हर साल सात दिसंबर को देश में सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के वीर जवानों के सम्मान में मनाया जाता है। यह दिवस सशस्त्र बलों व उनके परिवार के कल्याण के लिए मनाया जाता है। यह साल 1949 से लगातार मनाया जा रहा है।