45 मिनट तक जबड़े में फंसा रहा पैर, मगरमच्छ की आंख पर अंगूठा लगाकर कैसे एक रेंजर ने बचाई अपनी जान…
एक रेंजर ने अपने उस डराने वाले अनुभव को बताया है जिसमें उसने बड़ी समझदारी के साथ डर को किनारे कर मगरमच्छ से अपनी जान बचाई थी। मामला ऑस्ट्रेलिया का है और यहां पर क्रेग डिकमैन जो मशहूर ऑस्ट्रेलियाई वाइल्डलाइफ रेंजर हैं, उन्होंने वह अनुभव मीडिया को बताया है जब उन्होंने एक चालाक मगरमच्छ से अपना पीछा छुड़ाया था। यह घटना 10 नवंबर की है और नॉर्दन ऑस्ट्रेलिया में हुई है। मगरमच्छ करीब नौ फुट लंगा था और अचानक समंदर पर मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया था।
नॉर्थ ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया की ‘क्रॉक कंट्री’ कहा जाता है और डिकमैन के साथ यह घटना क्वींसलैंड राज्य के केयरन्स टाउन में हुई है। उन्होंने मीडिया के साथ बातचीत में कहा, ‘जैसे ही मैं जाने के लिए मुड़ा मैंने अपनी तरफ एक चीज आती हुई देखी।’ डिकमैन इस समय अस्पताल में हैं और उनका इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि मगरमच्छ ने उनकी जांघ पर हमला बोल दिया था और उसे अपने जबड़े में ले लिया था। उन्होंने कहा कि मगरमच्छ के जबड़े की आवाज हमेशा उन्हें सताती रहेगी।
समंदर में खींचने की कोशिश कर रहा था मगरमच्छ
54 वर्ष के डिकमैन ने कहा कि वह जिस जगह पर थे वह एकदम सूनसान था और मगरमच्छ ने उन्हें समंदर में खींचने की कोशिश की। डिकमैन ने इसी दौरान अपना अंगूठा उसकी आंख पर लगा दिया। उनकी मानें तो उसकी आंख ही सिर्फ वह जगह थी जहां पर उसे असर हो रहा था। डिकमैन ने मगरमच्छ को ‘बुलेट प्रूफ’ तक कह डाला। उन्होंने बताया, मगरमच्छ की आखें कुछ दूर तक ही होत हैं और जैसे आप और नीचे जाते हैं तो आपको हड्डी महसूस होने लगेगी। जब तक संभव हुआ मैं उसकी आंख को दबाता रहा।’
45 मिनट बाद मिली सफलता
कुछ मिनट के बाद उन्हें मगरमच्छ के जबड़े से खुद को छुड़ाने में सफलता मिल गई। डिकमैन ने मजाक करते हुए कहा कि मगरमच्छ और वह, दोनों बस यही सोच रहे थे कि अब क्या होगा और वो दोनों क्या करेंगे। डिकमैन ने इसके बाद मगरमच्छ को पीछे की तरफ झटका दिया और वह पानी में वापस चला गया। रेंजर की हाथ से उसकी खाल छिल गई थी पैर पर भी काफी चोट आई है। करीब 45 मिनट तक मगरमच्छ ने उन्हें अपने कब्जे में रखा था। करीब एक घंटे बाद उन्हें कार मिली और वह डॉक्टर के पास जा सके। डिकमैन ने कहा कि मगमच्छ काफी चालाक था।