25 लाख किसानों को बीमा नहीं मिला, 40 लाख कृषकों पर कर्ज और सरकार जश्न मना रही है…
राजस्थान सरकार आज अपना एक साल पूरा होने का जश्न मना रही है। राज्य की कांग्रेस सरकार जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में प्रदेशभर से किसानों को बुलाकर अपनी पीठ थपथपाने का आयोजन कर रही है। किंतु गंभीर और सोचनीय बात यह है कि राज्य के 25 लाख किसानों को अभी तक फसल बीमा कवर ही नहीं मिला है।
बीते साल सरकार गठन के तुरंत बाद सभी किसानों का कर्जमाफी करने का दावा करने वाली कांग्रेस सरकार में 40 लाख से अधिक किसानों पर कर्जा चढ़ा हुआ है, करीब 60 लाख में से केवल 20 लाख किसानों का ही कर्जमाफ हो पाया है।
सरकार बनने के पहले चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट समेत पूरी कांग्रेस ने दावा किया था कि सरकार बनने के 10 दिन के भीतर सभी किसानों का कर्जामाफ कर दिया जाएगा, लेकिन केवल 20 लाख से भी कम किसानों का ऋण माफ हो पाया था।
दरअसल, पिछली गहलोत सरकार सहकारी बैंकों से लोन लेने वाले किसानों को 50 हजार रुपए का दुर्घटना व जीवन बीमा कवर देती थी, जिसको पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने पहले 3 लाख, फिर 5 लाख और आखिरी साल में 10 लाख कर दिया था।
मजेदार बात यह है कि प्रदेश के किसानों को बीमा कवर देने वाली कंपनी का टाइअप अप्रेल में खत्म हो गया था, उसके बाद कोई भी बीमा कंपनी सामने नहीं आई। इस बीमा कवर का प्रिमियम भी किसानों के खातों से काटा जाता था, लेकिन बाजवूद इसके इस साल 25 लाख किसान बीमा कवर से बाहर रह गए।
दुर्घटना के बाद भी 6 हजार किसानों को नहीं मिला था
पूर्व सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक का कहना है कि अप्रेल से लेकर अब तक 6 हजार किसानों को विभिन्न दुर्घटनाओं के बाद बीमा क्लेम मिलना था, लेकिन अभी तक नहीं मिला है, इससे साबित होता है कि सरकार किस हद तक लापरवाह है।
कोई कंपनी नहीं ले रही है रुचि
किसानों को बीमा कवर अपेक्स बैंक के माध्यम से दिया जाता है। बैंक का कहना है कि इस साल बीमा कंपनी बदलने के लिए तीन बार टेंडर जारी कर चुकी है, लेकिन कोई कंपनी रुचि नहीं ले रही है। बैंक के एमडी इंदर सिंह ने बताया कि टेंडर निकाले जा चुके हैं, किंतु कोई कंपनी तैयार नहीं हुई है। अब बैंक बीमा कंपनी चयन के लिए कंसलटेंट लगाने जा रही है।
..फिर कैसा जश्न
इस मामले को लेकर भाजपाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया का कहना है कि जब प्रदेश का किसान कर्ज के बोझ तले दबा है, बीमा कवर मिल नहीं रहा है, यूरिया की पूर्ति नहीं हो रही है और सरकार जश्न मनाने में लगी है, यह जश्न किस बात का है? डॉ. पूनिया का कहना है कि सरकार पूरी तरह से फैल है और फिजूल खर्च कर जनता पर बौझ बढ़ा रही है।