राजनांदगांव। 8000 करोड़ की प्रॉपर्टी के मामले में पुलिस ने आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी के 2 डायरेक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों को राजस्थान के सिरोही से राजनांदगांव लाया गया है। कंपनी के खिलाफ छत्तीसगढ़ में 1 और राजस्थान में सैकड़ों मामले दर्ज है। राहुल मोदी और मुकेश मोदी बंधुओं के पास करीब 8000 करोड़ की अचल संपत्ति है. मामले में सारी संपत्ति को सीज कर लिया गया है।
राजनादगांव में उनके खिलाफ निवेशकों के 3-5 करोड़ के फ्रॉड की एफआईआर दर्ज कराई है, बता दें के राजनांदगांव पुलिस ने दो दिन पहले ही सहारा के विभिन्न कंपनियों के चार डायरेक्टर्स को लखनऊ से गिरफ्तार किया था।
नगर पुलिस अधीक्षक गौरव राय( भा0पु0से0) के निगरानी में थाना कोतवाली के अपराध क्रमांक 291/21 धारा 406,420 भादवि के फरार आरोपी मुकेश मोदी पिता प्रकाश राज मोदी उम्र 62 साल निवासी मोदीलेन आदर्श नगर सिरोही थाना कोतवाली जिला सिरोही राजस्थान और राहुल मोदी पिता बिरेन्द्र मोदी उम्र 36 साल निवासी मोदीलेन आदर्श नगर सिरोही थाना कोतवाली जिला सिरोही राजस्थान के संबंध में जानकारी मिली।
उक्त दोनों आरोपी के खिलाफ राजस्थान प्रदेश के अलग अलग थानों में लगभग 150 अपराध पंजीबद्ध है. पिछले कई साल से जेल में हैं. राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, बड़मेर, सिरोही जेल में पता करने पर पता चलता था कि कुछ दिन पहले इन जेलो से दूसरे जेलों में स्थानांतरण होकर जा चुके हैं।
राजनांदगांव से एक टीम सउनि महेश राजपूत के नेतृत्व में रवाना की गई. जयपुर पहुंचने पर पता चला कि उक्त दोनों आरोपी माउंटआबू गुजरात बार्डर के पास जिला सिरोही में हैं. टीम को जयपुर से सिरोही रवाना किया गया. आरोपी सिरोही (राज0) में मिलने पर राजनांदगांव पुलिस दोनों आरोपी राहुल मोदी और मुकेश मोदी को पुलिस थाना कोतवाली राजनांदगांव लेकर आई।
थाना कोतवाली पुलिस द्वारा आरोपियों को न्यायालय राजनांदगांव में पेश कर पूछताछ और गिरफ्तारी की अनुमति लेकर आगे की कार्रवाई करेगी. पुलिस रिमांड या ज्युडिसियल रिमांड पर लिया जाएगा।
प्रकरण में प्रार्थी संदीप सिंह भदौरिया एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी. कामठी लाइन खंडेलवाल होटल के पास स्थित आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के डायरेक्टर द्वारा एक लाख बहत्तर हजार रूपये की धोखाधड़ी कर फरार हो गया. उक्त कंपनी का ऑफिस बंद हो गया।
फोन लगाने पर फोन रिसीव नहीं किए. प्रार्थी द्वारा अपने आपको ठगी के शिकार होने के एहसास पर थाना में प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराया. प्रथम सूचना पत्र दर्ज करने के बाद आरोपी की पतासाजी लगातार की जा रही थी. विवेचना के दौरान जिला कार्यालय राजनांदगांव से जानकारी प्राप्त की गई तो पता चला कि आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के डायरेक्टर द्वारा लगभग 356 लोगों से लगभग 3 से 5 करोड़ रूपये की धोखाधड़ी कर फरार हो गया है. इसके बाद पुलिस ने तफ्तीश तेज की और दोनों को गिरफ्तार किया।
क्या है आदर्श कॉपरेटिव सोसायटी ?
आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी एक कॉपरेटिव सोसायटी थी. इसकी शुरुआत 1999 में हुई थी. जिसका मुख्यालय गुजरात के अहमदाबाद में है. कंपनी की शुरुआत मुकेश मोदी ने की थी और राहुल मोदी इसके प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाए गए. स्थापना के बाद से इस कंपनी ने 31 अगस्त 2016 तक देश के 28 राज्यों में 806 ब्रांच खोल लीं. इनमें से 309 राजस्थान में खोली गई. सोसायटी की पहली शाखा 1999 में सिरोही में खुली थी. इसके बाद के वर्षों में विस्तार होता गया और यह देश की सबसे बड़ी कोऑपरेटिव सोसायटी भी बन गई।
ज्यादा ब्याज का लालच देकर लोगों को फंसाया
कंपनी शुरुआत में लोन देने का काम करती थी. इसका पैसा सोसायटी के पास अपने सद्स्यों से आता था. जिसके बाद लोगों को हाई रेट्स पर लोन दिया जाता था. जिसका प्रॉफिट शेयर होल्डर्स में आपस में बांटा जाता था. कुछ न्यूज आर्टिकल्स के अनुसार कंपनी लोगों को ज्यादा ब्याज देने का झांसा देती थी. जिसमें फंसकर देशभर में 8 वर्षों में 20 लाख लोगों ने 14 हजार 800 करोड़ रुपये का निवेश कर दिया. निवेशकों को बताया जाता था कि उनकी निवेश की हुई धनराशि बड़ी कंपनियों और लोगों को ऊंची ब्याज दर पर बतौर लोन दी जाती है. जिसका फायदा उन्हें भी मिलेगा।
घोटाला, जिसकी वजह से विवादों में कंपनी
आदर्श कॉपरेटिव सोसायटी घोटाला कुल 14 हजार 800 करोड़ रुपये का घोटाला है. जो कि कंपनी ने 8 सालों में लालच देकर लोगों से इकट्ठा किया गया था.
रिश्तेदारों के नाम पर ही 45 फर्जी कंपनियां खोलकर कंपनी में निवेश की गई राशि में से 12 हजार 414 करोड़ रुपये इन्हीं फर्जी कंपनियों को लोन देने के रूप में दिखा दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी में हुए निवेश से संचालकों ने देश भर में कई सम्पत्तियां खरीद ली।
कंपनी की संपत्ति कुर्क
जब कंपनी ने लोगों से निवेश करवा दिया, लेकिन समय पर पैसे वापस नहीं किए गए तो देशभर में कंपनी के खिलाफ शिकायतें दर्ज होने लगी. जिसके बाद 26 मई 2018 को एसओजी यानी राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने कंपनी के घोटाले का पर्दाफाश किया था. जिसके बाद से घोटाले के आरोपी सलाखों के पीछे हैं और कंपनी की संपत्ति भी कुर्क कर ली गई है।